मंडी।सरकाघाट।
मंडी जिला में दुकानदार द्वारा बेची जा रही नमकीन जांच में सही नहीं पाई गई। अदालत ने दुकानदार को एक दिन कोर्ट में खड़ा रहने और दस हजार रूपए जुर्माना अदा करने की सजा सुना डाली। मामला सरकाघाट का है। मंडी जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने दुकानदार द्वारा बेची जा रही नमकीन के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे थे जहां उनकी रिपोर्ट सही नहीं पाई गई।
जांच में पाया गया कि दुकानदार द्वारा जो नमकीन बेची जा रही है उसमें सल्फर ऑक्साइड (sulfur oxide) की मात्रा तय मानकों से अधिक है और यह खाने योग्य नहीं है। लेकिन इस पर दुकानदार ने अपत्ति दर्ज करवाई थी और इसकी दोबारा जांच करने की मांग रखी थी। जिसपर विभाग ने सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजे, लेकिन दूसरी बार भी जांच में यह फेल हो गए। इनकी जांच कंडाघाट स्थित लैब में की गई थी जहां विभाग के सभी सैंपलों की जांच होती है। इसके बाद दुकानदार को दोबारा नोटिस जारी किया गया।
खास बात यह भी रही कि दुकानदार उस कंपनी का बिल भी पेश नहीं कर पाया जिससे उसने यह नमकीन खरीदी थी। इसके बाद नियमों के तहत दुकानदार पर कार्रवाई करने की फाइल सरकार को भेजी गई जहां से मंजूरी मिलने के बाद न्याययिक दंडाधिकारी सरकाघाट की अदालत में यह मामला पेश किया गया। यहां दुकानदार ने अपनी गलती को स्वीकारा जिसके बाद कोर्ट ने दुकानदार को पूरा एक दिन कोर्ट परिसर में खड़ा रहने और 10 हजार रूपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई।
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दुकानदार को जो सजा सुनाई गई थी उसे उसने पूरा कर दिया है। एक दिन कोर्ट परिसर में खड़ा रहने के साथ ही 10 हजार का जुर्माना भी अदा कर दिया है। उन्होंने जिला के दुकानदारों से आग्रह किया है कि वे गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थों को ही बेचें और जिस भी सामान को वह बेच रहे हैं उस कंपनी से की गई खरीद के बिल अपने पास रखें और दुकानदारों को भी बिल के साथ ही सामान दें ।