पूर्व सैनिक की विधवा बेटी के अंधकारमय जीवन में सेना ने किया उजाला, लगाई पेंशन






मिलाप कौशल/ खुंडियां





उपमंडल ज्वालामुखी की तहसील खुंडियां में स्थित पूर्व सैनिक लीग के चेयरमैन रिटायर्ड कर्नल एम एस राणा ने बताया कि तहसील थुरल के नलहेड गांव की श्रेष्ठा देवी को सेना ने नए साल में  पेंशन लगा कर जीवन में उजाला किया है।


तहसील पालमपुर के गांव रजेहड सिपाही रत्न चांद की इकलौती बेटी श्रेष्ठा की शादी 1985 नलहेड़ थुरल निवासी गोपी चांद से  हुई थी। सब ठीक चल रहा था लेकिन जनवरी 2001 में इनकी माता का देहांत हो गया और अक्टूबर 2011 में पति की अचानक मृत्यु ही गई। बच्चे छोटे थे और परिवार को जीवन यापन का कोई सहारा न रहा अतः बेटी  पिता पर डिपेंड हो गई। अगस्त 2020 में पिता रत्न चंद भी चल बसे, अब जीवन यापन का कोई सहारा न रहा।


   श्रेष्ठा ने 2021 में अपने पिता के आर्मी रिकॉर्ड डीएससी से डिपेंडेंट पेंशन की गुहार लगाई लेकिन पिता के आर्मी रिकॉर्ड में इनका नाम और जन्म तिथि सही दर्ज नहीं थी। लगभग दो साल चक्कर लगाने के बाद सितंबर 2023 में तहसील खुंडियां के पूर्व सैनिक नायक अशोक कुमार के माध्यम से पूर्व सैनिक लीग खुंडियां के संपर्क में आए। लीग के चेयरमैन ने उसी दिन डीएससी रिकॉर्ड व सेना मुख्यालय में संबंधित अधिकारियों से बात की और जरूरी कागजात तैयार करवाए।

दो महीनों में इनका नाम और जन्म तिथि सही करवाई। मार्च 2024 में पेंशन के कागजात जिला सैनिक कल्याण विभाग कांगड़ा स्थित धर्मशाला के माध्यम से तैयार करके भेजे थे। अब सेना ने लगभग  सोलह हजार की डिपेंडेंट पेंशन लगा कर परिवार को सहारा दिया है। श्रेष्ठा देवी ने इस उपकार के लिए भारतीय सेना, जिला सैनिक कल्याण विभाग कांगड़ा तथा पूर्व सैनिक लीग खुंडियां का धन्यवाद किया है।

कर्नल राणा ने बताया कि ऐसे केस में केवल उन्हीं बेटियों को सेना से पेंशन लगती है जिस में बेटी के अपने परिवार की मासिक आय नौ हजार रुपए से कम तथा अन्य शर्तें भी पूरा करते हों। ज्ञात रहे कि पूर्व सैनिक लीग खुंडियां गत चार वर्षों से पूर्व सैनिकों की हर एक समस्या के समाधान में लगातार प्रयास कर सकारात्मक परिणाम दे रही है तथा खुंडियां के इलावा बाहरी इलाकों से भी पूर्व सैनिक अपने काम के लिए सलाह लेने आ रहे हैं।

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