गारंटियों और जुमलों की बरसात करने वाले मुख्यमंत्री के राज में प्रदेश सूखा : होशियार सिंह


कहा – बातों के धनी हैं मुख्यमंत्री सुक्खू, पूरी कांग्रेस पुत्र मोह में अंधी और हिमाचल में मुख्यमंत्री सुक्खू पत्नी मोह में, क्या यही है व्यवस्था परिवर्तन

हिमाचल भी चला बिहार की तर्ज पर, लालू-राबड़ी की तर्ज पर सुक्खू-कमलेश

देहरा‌ (कांगड़ा)

देहरा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखे हमले बोले हैं। उन्होंने कहा कि गरजने वाले बादल बरसते नहीं और यह बात मुख्यमंत्री पर फिट बैठती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू जितना बोलते हैं, प्रचारित करते हैं, यदि उतना कार्य करते तो आज उनके छह विधायक सरकार होते दूसरे दल में शामिल नहीं होते। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए यह शर्म की बात है। होशियार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू कहते हैं कि उनके जैसा राजनीतिज्ञ आज तक पैदा नहीं हुआ और वे ईमानदार और निष्पक्ष हैं।

ऐसे में मेरे चंद प्रश्न मुख्यमंत्री के मुंह से ईमानदारी का मुखौटा उतार देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जुमलों की बरसात तो मुख्यमंत्री ने कर दी, पर अपने घर क़ो झांकना भूल गए। यदि उन्होंने कार्य किया होता तो लोकसभा चुनावों में नादौन से कांग्रेस के प्रत्याशी क़ो लीड मिलती, परंतु प्रदेश में भी 68 विधानसभा क्षेत्रों 61 में भाजपा क़ो लीड मिली है।


होशियार सिंह ने कहा कि अगर उन्होंने देहरा के लिए कुछ किया तो जनता के बीच सांझा करें, हम भी धन्यवाद करेंगे। जबकि असली बात तो यह है कि उन्होंने अपने मित्रों और परिवार के अलावा कुछ नहीं किया। यदि मुख्यमंत्री ने कोई कार्य किए होते तो वह अपनी पूरी सरकार क़ो लेकर देहरा में डेरा नहीं डालते। मेरी सभाओं में शामिल होने वाले लोगों का तबादला नहीं करते।


भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि जहां देश में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व अपने पुत्र मोह में अंधा हुआ है, वहीं हिमाचल में सीएम सुक्खू अपनी पत्नी के मोह में इतने अंधे हो गए कि कांग्रेस के लोगों के जीवन भर की तपस्या क़ो अनदेखा कर दिया। लगता है कि यही‌ सुक्खू का व्यवस्था परिवर्तन है।

उन्होंने कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन का सूखा मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी क़ो दिखाई नहीं देता। जहां घर के  बाहर 4-4 घंटे खड़े होने के बाद सीएम और सुपर सीएम के दर्शन जनता क़ो नहीं होते।

होशियार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी पत्नी बातों के धनी हैं। कमलेश कहती हैं की सचिवालय जाने की भी जरूरत नहीं, घर में हि काम करवा लूंगी। ऐसे में वह उनसे पूछना चाहते हैं कि यदि घर में ही राजनीति करनी है तो यह लोकतान्त्रिक व्यवस्था क्यों? किस संविधान की कसम आप खाते हो, जिसे मानते ही नहीं।

ये लालू-राबड़ी की सरकार कांग्रेस क़ो ही मुबारक हो। जनता के हितों में कट लगाकर कभी किसी का भला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू चुनाव लड़े बगैर अपने मित्रों क़ो लाभ देकर प्रदेश पर आर्थिक संकट डाल रहे हैं, उसकी भरपाई प्रदेश की जनता क़ो लम्बे समय तक करनी पड़ेगी।

प्रदेश की जनता मूर्ख नहीं है जो वह यह नहीं जानती कि सरकार क्या कर रही है। होशियार सिंह ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है और वेतन और पेंशन देने पर भी प्रदेश सरकार पर आने वाले समय में संकट आने वाला है।

परंतु उससे मुख्यमंत्री क़ो कोई लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू  फिजूलखर्ची खुद कर रहे हैं और वे कोसते केंद्र क़ो हैं। उन्होंने कहा कि जब सत्ता में आने के लिए और सांमजस्य बिठाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खजाने पर भार डाला है तो उसकी पूर्ति करना भी उन्ही की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए जो पैसा केंद्र से आता है उसको अपने दोस्तों, पत्नी के चुनाव और एशो आराम पर उड़ाने वाले पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं और यही उनका व्यवस्था परिवर्तन है।

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