रक्कड़, पूजा: रक्कड़ के चपलाह में चल रही श्री मद भागवत कथा के चर्तुथ दिवस शास्त्री ने वर्णन किया कि अजामिल का दासी से संसर्ग होने के कारण सदाचार नष्ट हो गया ।अब तो वह चोरी ठगी, झूट कपट से धन कमाकर उस वेशया का व परिवार का भरण पोषण करता था,एक दिन कुछ संत उनके घर में आए और अजामिल को प्रेरित किया कि अब जी भी घर में संतान होगी उसका नाम तुम नारायण रखोगे, कालान्तर में उसे पुत्र प्राप्ति हुई, संतों के कहे अनुसार उसका नाम नारायण रखा गया।
जब उसका अंत समय नजदीक आया तो पुत्र के बहाने भगवान नारायण का नाम मुख से उच्चारण हो गया जिससे उसकी सदगति हो गई।इसके बाद मुरूदगणो की कथा, भक्त प्रहलाद की कथा , बलि बामन चरित्र वी श्री कृष्ण भगवान के जन्म की कथा श्रवण करवाई।कथा के बीच सुन्दर भजन जैसे तेरे द्वारे खड़ा भगवान व नंद घर आनंद भयो ने आए हुए भक्तों को झूमा दिया । कथा में सचिन,कुशल ऋषि,अभय,सुमन देवी, इन्दु बाला, सरिता देवी व अंजू बाला ने भाग लिया ।कल यहां गिरिराज भगवान का प्रसंग श्रवण करवाया जायेगा।