बागवान सेब की खेती छोड़ने के लिए हैं मजबूर।
किरण राही/मंडी।
आज सेब उत्पादक संघ लोकल कमेटी बाली चौकी की बैठक साथी ओमचंद की अध्यक्षता में पंजाई में संपन्न हुई बैठक में राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र राणा भी उपस्थित थे। महेंद्र सिंह राणा ने बैठक में कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत, किसान और बागवान विरोधी नीतियों की वजह से आज सेब की खेती घाटे का सौदा बन गई है ।
जिसकी वजह से सेब में लागत बहुत ज्यादा आ रही है और इनकम बहुत कम हो रही है इसलिए बागबान परेशान है और सेब की खेती को छोड़ने के लिए मजबूर है। सेब की खेती बिना सरकार की मदद के फायदे में नहीं हो सकती है।
इसलिए आज बागवानों को संगठित होकर सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है ताकि दवाइयां और खादों में सब्सिडी पुनः बहाल की जाए, जालियों और उपकरण पर लंबित पड़ी हुई सब्सिडी बागवानों को शीघ्र मिले।
बागवान को मंडीयों की उचित व्यवस्था मिले और मंडीयों में एपीएमसी एक्ट शक्ति से लागू किया जाए। एम एस पी को कानूनी अमली जामा पहनाया जाए। बागवानों का किराया पर किलोमीटर पर किलोग्राम से तय किया जाए। बाली चौकी क्षेत्र में कम से कम चार स्थानों पर एचपीएमसी और हिमफेड के कलेक्शन सेंटर या क्रय केंद्र खोले जाए ।
अगर सरकार ये कदम उठाती है तो निश्चित तौर पर सेब की खेती फायदे में होगी इसलिए इन तमाम मांगों को लेकर बागवान आने वाले 26 जुलाई को बाली चौकी में प्रदर्शन करेगी और अपना मांग पत्र बागवानी मंत्री को उप मंडल अधिकारी नागरिक बाली चौकी के माध्यम से मांग पत्र सौंपेगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 26 जुलाई से पहले सेब उत्पादक संघ पूरे वाली चौकी क्षेत्र में लगभग 5000 सदस्यता करेगी और हर बागबान को सेब उत्पादक संघ का सदस्य बनाएगी। बैठक में मिरचंद, यदुनंदन राय, लाल सिंह, नूपचंद, प्रकाश, घनश्याम शर्मा, मानसिंह ,प्रिंस सहित कई बागबान उपस्थित थे । महेंद्र सिंह राणा राज्य कमेटी सदस्य सेब उत्पादक संघ ।