सीटू के बैनर तले शिमला में करेंगे बोर्ड का घेराव-गुरदास वर्मा
किरण राही/ मंडी ।
सीटू सबंधित मनरेगा एवं भवन निर्माण मज़दूर यूनियन मंडी ज़िला कमेटी की बैठक कॉमरेड तारा चन्द भवन में ज़िला अध्यक्ष गुरुदास वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।जिसमें फेडरेशन के राज्य महासचिव एवं श्रमिक कल्याण बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह और सीटू महासचिव राजेश शर्मा,गोपेन्द्र शर्मा, नरेश कुमार, ललित कुमार, राजेन्द्र सिंह, इंद्र सिंह, प्रकाश, हैप्पी, मॉन सिंह, सुरेंद्र कुमार, लीलामणी, हेमराज सहित अन्य कमेटी सदस्यों ने भाग लिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि बोर्ड द्धारा पिछले एक साल से मंडी ज़िला के 35 हज़ार मज़दूरों की कऱोडों रुपए की सहायता राशि रोकी हुई है और अब ईकेवाईसी की शर्त लगा कर उसमें और अड़चनें डाल दी है।कोविड कॉल और उसके बाद दो साल मनरेगा मजदूरों को बोर्ड की सदस्यता से बाहर करने के चलते अधिकांश पंजीकृत मज़दूरों के कॉर्ड रिन्यू नहीं हो पाए हैं और अब उनके बेनिफिट्स भी रोक दिए गए हैं।
जिसके चलते आज निर्णय लिया गया कि मज़दूर जनवरी के तीसरे हफ़्ते बोर्ड कार्यालय शिमला का घेराव करेगें।बोर्ड सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा की मंडी ज़िला के श्रम कल्याण अधिकारी के लिए उपयुक्त दफ़्तर और स्टोर उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है हालांकि पिछले दस साल से ये कार्यालय लेबर ऑफिसर मंडी के कार्यालय के साथ अटैच था। उप कार्यालय सरकाघाट बिना मोटीवेटर के ही चल रहा है जबकि मंडी ज़िला में सबसे ज्यादा मज़दूर धर्मपुर और गोपालपुर खण्डों में पंजीकृत हैं।
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इन मुद्दों को बोर्ड में गत दो बैठकों में उठाया था लेकिन बोर्ड की अफसरशाही इसको लागू नहीं कर रही है और उसके चलते मजदूरों के काम समय पर नहीं हो रहे हैं।इसके अलावा बैठक में मनरेगा मज़दूरों के समान काम का समान वेतन अर्थात आठ घंटे के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन 400 रु देने औऱ साल में 200 दिनों का काम देने,ऑनलाइन हाज़री के बजाये मस्ट्रोल पर हाज़री लगाने, काम करने के लिए औजार देने और पेमेंट के लिए असेसमेंट की शर्त हटाने की मांग तथा फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्गों, रेलवे लाईन इत्यादि बड़ी परियोजनाओं में अस्सी प्रतिशत हिमाचलियों को रोज़गार देने की मांग को लेकर आगामी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विशाल प्रदर्शन किया जायेगा।
