सभी पंचायतों में चरणबद्व तरीके से पंचायत घरों का होेगा निर्माणः पठानिया


रैत ब्लाक के सद्दू में पंचायत भवन का किया शिलान्यास


   शाहपुर 24 दिसंबर:  उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि सभी पंचायतों में चरणबद्व तरीके से पंचायत घरों का निर्माण किया जाएगा ताकि पंचायत स्तर पर कामकाज निपटाने के लिए बेहतर सुविधा मिल सके।
 उपमुख्य सचेतक ने रैत ब्लाक के सद्दू में 33 लाख की लागत से निर्मित होने वाले पंचायत घर तथा लगभग 16 लाख  से मत्स्य तालाब एवं इन्टेक चैनल का शिलान्यास करने के उपरांत कहा कि राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से स्थानीय निकायों को सुदृढ़ करने के लिए नए पंचायत घरों के निर्माण के लिए चालू वित वर्ष में 24 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है। 


 पठानिया ने कहा कि सद्दू पंचायत के पानी बिजली सड़को के सुधारीकरण का काम जारी है ताकि आम जनमानस को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।  उन्होंने कहा कि एक करोड़ 6 लाख से बनने वाली पानी की स्कीम से सद्दू पंचायत में पेयजल की बेहतर सुविधा मिलेगी। समस्या को दूर किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पिछले दो वर्षों  से समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है तथा उनके कल्याण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ विभिन्न योजनाएं कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विधवाओं के 27 वर्ष तक के बच्चों की उच्च शिक्षा के खर्च के लिए एक नई योजना पर कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों के लिए व्यापक देखभाल और सहायता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत 6,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है तथा सरकार उनके कल्याण और शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सके।


उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर और 2031 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बने। उन्होंने कहा कि संसाधनों को बढ़ाने और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे है। आज जो कड़े फैसले सुख सरकार ने लिए है वो आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश को समृद्धि और विकास की राह पर लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार  सरकारी नीतियों में बदलाव लाकर अतिरिक्त राजस्व कमाने में सफल हो रही है।

आबकारी नीति में बदलाव से पिछले वित्त वर्ष में 2631 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल दूध पर समर्थन मूल्य देने वाला पहला राज्य हिमाचल बना है इससे पशु पालकों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि  गाय के दूध पर समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 रुपये एवं भैंस के दूध पर 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति किलो किया गया है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

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