वन संरक्षण अधिनियम के तहत लंबित मामलों पर समीक्षा बैठक


लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे हेतु अधिकारियों को दिए निर्देश


मंडी, 25 नवम्बर:  अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मंडी डॉ0 मदन कुमार ने आज उपायुक्त कार्यालय के डीआरडीए सभागार में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित मामलों के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में वन संरक्षण अधिनियम के लंबित कुल 75 मामलों पर चर्चा की गई।


इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने बताया कि समय पर एफसीए की मंजूरी न मिलने के कारण विकास परियोजनाओं में अकसर देरी हो जाती है। एफसीए की मंजूरी के बाद ही विकास कार्यों के लिए विभागों को वन भूमि हस्तांतरित होगी।  बैठक में बताया गया कि मंडी वन वृत में पर्यावरण मंजूरी के लिए पोर्टल परिवेश 1.0 में 55 और परिवेश 2.0 में 20 मामलों सहित कुल 75 मामले लंबित हैं।

  बैठक में पर्यावरण मंजूरी के लिए मौजूद 75 मामलों की एक-एक कर सभी मामलों की समीक्षा की तथा विभागों को इनके निपटारे के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को सभी उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया ताकि लंबित मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा हो सके।


डॉ0 मदन कुमार ने लंबित मामलों के निपटारे के लिए विभागीय  अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न स्तरों पर लगाई गई टिप्पणियों पर कार्यवाही करें ताकि मामलों को स्वीकृति मिल सके। उन्होंने कहा कि मामलों के निपटारे के लिए वन विभाग से तकनीकी सहयोग ले सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह एफसीए से जुड़े सभी मामलों पर निरंतर ध्यान दें ताकि विकासात्मक कार्यों के लिए भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो सके।


   बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धार्थ सरपाल,  डीएफओ मंडी बसु डोगर, नाचन एस.एस. कश्यप, डीएफओ, मुख्यालय अंबरिश शर्मा सहित वन विभाग, लोक निर्माण, जल शक्ति, पर्यटन, शिक्षा, एनएचएआई, पावर कारपोरेशन सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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