विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता को कई गारंटियां देने का सब्जबाग दिखाने वाली सुक्खू सरकार ने गारंटियां लागू करना तो दूर रहा, अब जनता को दी जाने वाली सुविधाओ पर भी कैंची चलाना शुरू कर दी हैं।
एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि विधानसभा सीटों के उप चुनाव के दौरान भी सुक्खू सरकार ने जनता को भ्रमित करने के लिए कई लुभावने वायदे किए थे लेकिन अब उन वायदों से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।
राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवा आज नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश की 18 साल से ऊपर आयु वर्ग की सभी महिलाएं₹1500 मासिक भत्ते की बाट जोह रही हैं लेकिन आधा प्रतिशत महिलाओं को भी यह लाभ नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गों को अपने वायदे के मुताबिक सुविधा देना तो दूर रहा, सरकार अब सुविधायें छीनने पर उतर आई है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि पुलिस कर्मियों का राज्य परिवहन निगम की बसों में यात्रा सुविधा को बंद किया जाना बहुत अफसोस जनक है क्योंकि पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कठिन से कठिन ड्यूटी करते हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी कभी भी फ्री यात्रा नहीं करते बल्कि हर साल 5 करोड रुपए पुलिस विभाग की ओर से राज्य परिवहन निगम को दिए जाते हैं और उनमें से भी करीब 20% पुलिस कर्मचारी ही ड्यूटी के संदर्भ में राज्य परिवहन निगम की बसों में सफर करते हैं।
जबकि 80% पुलिस जवान अपनी ड्यूटी के लिए पुलिस विभाग की गाड़ियों या फिर अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार द्वारा पुलिस के लिए “फ्री यात्रा” शब्द का प्रयोग किया जाना पुलिस कर्मचारियों के स्वाभिमान के खिलाफ है और ऐसा करके सरकार ने जनता के बीच पुलिस की छवि को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार अगर अपने वायदे पूरे नहीं कर सकती और जनता को लाभ नहीं दे सकती तो उसे जनता को दी गई सुविधा छीनने का भी कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर सुक्खू सरकार नाकाम साबित हो रही है और प्रदेश को कर्जों के दलदल में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।