आरोप, कौड़ी के भाव ली जा रही जमीन और बाग बागीचे ।
1.10 लाख प्रति बिस्वा दिया जा रहा मुआवजा, खुद को मिल रही दस लाख बिस्वा ।
किरण राही/पधर(मंडी)।
मंडी पठानकोट निर्माणाधीन फोरलेन की जद में आए फेज-पांच (नारला से द्रंग) प्रभावितों की बैठक फोरलेन समन्वय समिति अध्यक्ष चिंत राम ठाकुर की अध्यक्षता में कुन्नू में संपन हुई। जिसमे फोरलेन की जद में आए प्रभावितों ने अधिकृत कंपनी द्वारा मनमाने ढंग से किसानों की जमीनों का मूल्यांकन करने का आरोप जड़ा।
प्रभावितों ने कहा कि कंपनी द्वारा उनकी जमीनों का बेहद कम मुआवजा निर्धारित किया गया है। जो जरा भी तर्कसंगत नहीं है। एक लाख दस हजार रुपये प्रति बिस्वा के हिसाब से प्रभावितों को मुआवजा राशि उनके बैंक खातों में दी जा रही है। जबकि अब घर बनाने के लिए एनएच किनारे दस लाख रुपये प्रति बिस्वा जमीन उन्हें मिल रही है।
प्रभावित किसानों के खेत खलिहानों और बाग बगीचों का भी बेहद कम मुआवजा दिया जा रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है।
प्रभावितों ने आरोप लगाया कि जबसे प्रस्तावित फोरलेन प्राजेक्ट को अधिकृत कंपनी की ओर से घरातल पर उतारा गया प्रशासन की ओर से प्रभावित किसानों को कोई विश्वास में नहीं लिया गया। प्रभावित किसानों का पक्ष सुनने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से एक बैठक तक नहीं ली गई।
प्रभावितों में शेर सिंह ठाकुर, घमंडा राम, घनश्याम, कर्म चंद शर्मा, सुधीर अरोड़ा, देवी सिंह, मनोज ठाकुर, कृपाल सिंह ठाकुर, ज्योति शर्मा, गीता देवी, हवलदार हीरा सिंह ठाकुर, भगत राम, मनोज शर्मा, महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि उपमंडल प्रशासन नए शेड्यूल रेट लागू कर फेक्टर टू के हिसाब से प्रभावितों को मुआवजा राशि मुहैया करवाए। अन्यथा प्रभावित किसी भी सूरत में निर्माण कार्य शुरू नहीं होने देंगे।