विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री पर जुबानी हमला बोला है सुजानपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक ने सरकार और सरकार के मुखिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में सलिप्त है ।
अब इस सरकार को बचाने वाला कोई नहीं है उन्होंने कहा कि सरकार के कारनामो की एक लंबी सूची केंद्रीय जांच एजेंसी के हवाले की गई है और उनसे मांग की गई है कि तमाम भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर जांच करें और इस जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाते हैं ।
उन पर कार्रवाई करें बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में विशेष रूप से मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र और गृह जिला में एक सप्ताह में दो बार आईटी रेड पड़ चुकी है पहली बार आई टीम ने करीब 9 लोगों के दस्तावेज जपत किया वहीं अब गुरुवार को इस टीम ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नादौन में सेंधमारी की है ।
और यहां पर भी शक के आधार पर कुछ लोगों के दस्तावेज जप्त किए गए हैं आईटी की टीम लगातार हिमाचल में दबिश दे रही है उस सवाल के जवाब में पूर्व विधायक ने कहा कि यह विभाग का काम है जांच एजेंसी कम कर रहे हैं जो भी गलत और दोषी होगा उसे पर कार्रवाई होगी उन्होंने कहा कि दोषी चाहे बीजेपी हो चाहे कांग्रेस का हो कोई भी पकड़ा जाए उस पर कार्रवाई हो पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज अगर हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा झूठ बोलने वाला झूठे आरोप लगाने वाला कोई व्यक्ति है ।
जिसने इस मामले में पीएचडी कर रखी है तो वह प्रदेश का मुखिया है पूर्व विधायक ने कहा कि हिमाचल में बिजली बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप लगे जांच की मांग की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में करीव 3 लाख में खरीदी गई भूमि को अपनी ही सरकार को 6:45 करोड़ में बेच दिया गया तमाम बातें भ्रष्टाचार सिद्ध करती हैं प्रदेश के कांगड़ा बैंक में वन टाइम सेटलमेंट पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है ।
जिसके ऑडियो भी शेयर हुए हैं उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तमाम ऐसी बातें हैं जो भ्रष्टाचार से जुड़ी हैं और यह तमाम बातें वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई है और प्रदेश का मुखिया तमाम बातों की जांच ना करवा कर चुप्पी साढ़े हुए हैं उन्होंने कहा कि हिमाचल में होने वाले तीन उपचुनाव अगर आज हो रहे हैं तो यह मुख्यमंत्री के कारण हो रहे हैं अगर तीन आजाद विधायकों ने अपने पद से त्यागपत्र दिया उस त्यागपत्र के पीछे क्या कारण है ।
यह बात जानने की कोशिश किसी ने नहीं की यह पूर्व विधायक काम करवाने के लिए मुख्यमंत्री के पास जाते थे मुख्यमंत्री समय नहीं देते थे उन्हें प्रताड़ित करते थे जलील करते थे पूर्व विधायक ने कहा कि यह चुनाव जो आज हो रहे हैं पीछे 6 उपचुनावों के साथ हो सकते थे लेकिन मुख्यमंत्री ने इन्हें होने नहीं दिया प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला हिमाचल में होने वाले तीनों चुनाव भारतीय जनता पार्टी जीत रही है मुख्यमंत्री की पत्नी सहित दोनों कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव हार रहे हैं ।
पूर्व विधायक ने कहा कि हिमाचल पर 65 हजार करोड रुपए का कर्ज था प्रदेश की सरकार ने मात्र डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में 30 हजार करोड़ का कर्ज लेकर इस कर्ज की राशि को 95 हजार करोड़ कर दिया यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में हिमाचल में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ेंगे क्योंकि यह सरकार अपने मित्रों अपने सगे संबंधियों को खुश करने में लगी है उनके लिए बार-बार लोन लिया जा रहा है केवल उन्हें खुश करने का काम किया जा रहा है।