शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के पहले ही दिन सदन में हंगामा देखने को मिला। शिकाेदगार के बाद विपक्ष ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर नहीं किया। विपक्ष ने सदन के भीतर नारेबाजी करते वॉकआउट कर दिया और कहा कि कांग्रेस सरकार में गुंडाराज और माफिया राज को संरक्षण दिया जा रहा है और दिन दहाड़े बलात्कार और मर्डर के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार सदन में चर्चा से भाग रही है।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नालागढ़ में नशा माफिया ने युवक को मौ**त के घाट उतार दिया है और पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। नशा तस्करों को सरकार संरक्षण दे रही है और बीबीएन में माफिया राज हो गया है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी ह*त्याएं और बलात्कार हो रहे हैं लेकिन सरकार ने पुलिस के अधिकारियों को भाजपा के विधायकों की जासूसी के लिए लगाया और फोन टैपिंग की जा रही है।
वहीं सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में आपदा का दौर चल रहा है और सदन में स्थगन प्रस्ताव तब आता है जब कोई आपात स्थिति हो जाए, सदन में उस विषय पर चर्चा करना जरूरी है। प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था के मामलों में त्वरित कार्रवाई की है। नशे के व्यापार पर जुड़े लोगों को लेकर विपक्ष सदन में स्थगन प्रस्ताव लाने की बात कर रहा है जबकि नियमों के तहत सदन में चर्चा आनी चाहिए।