साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ संगठित विरोद्ध करेंगे जन संगठन-भूपेंद्र




जनता को मूलभूत सुविधाएं न दे पाने के कारण उनका ध्यान भटका रहे हैं साम्प्रदायिक संगठन ।


किरण राही  (मंडी)।





प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मस्जिदों के बहाने फैलाई जा रही नफऱत के विरोध और साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के लिए आज मंडी में सम्मेलन आयोजित किया गया।जिसमें मज़दूर संगठन सीटू, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, विज्ञान , छात्र व नौजवानों के संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

जिसकी अध्यक्षता सीटू के भूपेन्द्र सिंह ,किसान सभा के कुशाल भारद्धाज, नौजवान सभा के सुरेश सरवाल, राजेश शर्मा ने की।सीटू ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से शिमला में एक अवैध निर्माण को लेकर जिसके बारे मामला कोर्ट में पैंडिंग होने के बाबजूद कुछ सांप्रदायिक ताकतों ने इसके बहाने धर्म विशेष के ख़िलाफ़ सुनियोजित तरीके से अभियान चलाया है।


शिमला के बाद मंडी और अन्य जगहों पर अवैध निर्माण कार्य को लेकर क़ानून हाथ में लेकर प्रदर्शन किए गए और अब सोची समझी रणनीति के तहत इस मुहिम के चलाया जा रहा है जो हमारे आपसी भाईचारे को तोड़ने का काम कर रहे हैं इसलिए इसके ख़िलाफ़ सभी को एकजुट होकर आवाज़ उठाने की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा कि अब यही लोग बाहरी राज्यों से आये उन मज़दूरों जो यहां पर काम करने के लिए आते हैं उन्हें निशाना बनाकर अभियान शुरू कर दिया है और जो मज़दूर हमारे यहाँ रेहड़ी-फहड़ी लगा कर,गांव गांव से कूड़ा व कवाड़ उठाने ,फ़ेरी लगाकर सामान बिक्री करते हैं उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया है ।

और कई जगह उनके आधार कार्ड व पहचान पत्र चैक करने और उनके यहां पर रेहड़ी लगाने के अधिकार को छीनने की मुहिम छेड़ दी है और उसमें भी एक धर्म विशेष के मज़दूरों को निशाना बनाया जा रहा है।जिसका सीटू विरोध करती है और सँविधान के अनुसार भारत वर्ष का कोई भी नागरिक देश के किसी भी हिस्से में कारोबार कर सकता है इसकी रक्षा करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।

उन्होंने कहा कि मंडी शहर में भी इन लोगों ने जेलरोड़ स्थित अवैध निर्माण को लेकर प्रदर्शन किए थे और अब जब उस निर्माण को निगमायुक्त के आदेशों के बाद गिरा दिया गया है तो अब वहीं पर मन्दिर होने का विवाद खड़ा करके सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की मुहिम शुरू कर दी है।

यही नहीं इसके बहाने रेहड़ियां लगाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।हिमाचल सरकार ने भी स्ट्रीट वेंडरज एक्ट को लागू करने के लिए एक मन्त्रिमण्डलिए कमेटी बना दी है और इस साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने की मुहिम का हल केवल रेहड़ी-फहड़ी लगाने की व्यवस्था से जोड़ कर हल्के में लेकर ओपचारिकता पूरी की है जबकि स्ट्रीट वेंडरज कानून वर्ष 2014 में बना है और उसे लागू करने के लिए राज्य स्तर पर कमेटी गठित करने का प्रावधान है लेकिन पूर्व भाजपा सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में इसका गठन नहीं किया था और अब कांग्रेस सरकार ने भी दो साल के बाद कमेटी गठित की है जो केवल रेहड़ियां लगाने की पात्रता को ही देखेगी।

सम्मेलन में किसान सभा के प्रधान कुशाल भारद्धाज ने कहा कि इस साम्प्रदायिक तनाव को पैदा करने में तथाकथित हिन्दू संगठनों और आपराधिक छवि के लोग लगे हैं और जनता को बुनियादी व आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं ताकि जनता का ध्यान महंगाई, बेरोज़गारी ,सड़क, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से ध्यान हटाया जाये और वे फुट डालो राज करो नीति के तहत राज करते रहें।

यही नहीं अब ये जहर गांवों में भी घोला जा रहा है जिससे जनता की एकता टूटेगी और धार्मिक तनाव बढ़ेगा।इसलिए इसे रोकने के लिए सभी जन संगठनों और शान्तिकामी ताकतों को एकजुट होना होगा।सुरेश सरवाल ने इस साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ाने से युवाओं का रोज़गार का मुद्दा पीछे छूट जायेगा।सम्मेलन में रेहड़ी यूनियन के सचिव प्रवीण कुमार, विज्ञान मोर्चे के गजेंद्र शर्मा,जनवादी महिला समिति की रीना, किसान सभा के रामजी दास ने भी विचार व्यक्त किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *