गुरू रविदास ने कर्म, ज्ञान, भक्ति के मार्ग को अपनाने की दी प्रेरणा: पठानिया


उपमुख्य सचेतक ने प्रेई में आयोजित झंडा रस्म कार्यक्रम में लिया भाग


धर्मशाला, शाहपुर 16 फरवरी। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने रविवार को गुरु रविदास जयंती पर प्रेई पंचायत में झंडा रस्म में भाग लिया। इस अवसर पर उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा की गुरु रविदास ने कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और प्रेम भक्ति मार्ग को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास उस समय इस धरती पर आए थे जब देश कई रियासतों में बंटा हुआ था और अनेक कुप्रथाओं का शिकार था।

गुरु के जीवन का आदर्श उस समय व्याप्त सांस्कृतिक, आर्थिक असमानता, सामाजिक कुरीतियों, मानवीय भेदभाव, धार्मिक आडंबर, ऊंच नीच की भावना, कटुता को दूर कर मधुर और नम्र वाणी से अपनी शिक्षाओं से भटके हुए समाज को सही रास्ते पर लाने के लिए कार्य करते रहे। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास ने अपनी सारी कमाई संगत व लंगर की सेवा में लगा देते थे।

इस लिए उनके पिता ने उन पर पारिवारिक जिम्मेदारी का एहसास करवाने के लिए उनका विवाह करवा दिया और घर के पिछवाड़े में छोटी सी कुटिया बना दी जो बाद में प्रसिद्ध और बड़ा आश्रम बना है। उनकी धर्मपत्नी भी उनके हर काम में सहयोग करती और हर कामकाज में सब्र, संतोष और कर्मशीलता के साथ हाथ बंटाती थी।

श्री गुरु रविदास जी उच्च कोटि के सदाचारक, यथार्थक, तर्कशीलता के तराजू मे तोलने वाले निर्गुण ब्रह्मा के साधक थे।उनका स्पष्ट संदेश यह भी था कि धरती पर जन्म लेने वाला सदाचार की बुनियाद पर भगवान का भजन संगत व आनंदमनय अवस्था में रत होकर पुनीत हो सकता है। किसी कुल या जाति में जन्म लेने से या ऊंचा नाम रखने से कोई गुणवान या गुणहीन नहीं होता। ईश्वर का द्वार हर मनुष्य के लिए खुला है। इस मौके पर प्रेई रविदास कमेटी अध्यक्ष सहित सभी सदस्यगण एवं स्थानीय जनता मौजूद रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *