“छब्बीस साल तक वीरभद्र और धूमल की सोच ने बचाया प्रदेशवासियों को”

  
(परागपुर: वालिया)
भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में लाटरी को शुरू करने के प्रदेश की सुक्खू सरकार के आदेश को प्रदेश विरोधी बताया है।जसवां परागपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि इससे पूर्व भाजपा सरकार के समय प्रो धूमल सरकार ने 15/20 करोड़ की आय वाली इस लाटरी को बंद कर दिया था। क्योंकि इस लाटरी से लाभ केवल लाटरी शुरू करने वालों को ही मिलता था लेकिन प्रदेश का युवा,श्रमिक, रेहड़ी फड़ी और छोटे व्यापारी कर्मचारी कई लोग लाटरी के लालच में बर्बाद होते दिखे थे।
विनोद शर्मा ने  बताया कि लाटरी को शुरू करने के प्रयास दोबारा वीरभद्र सिंह की सरकार में भी हुआ था और लाटरी को प्रदेश में पुनः शुरू किया गया था। लेकिन जब वीरभद्र सिंह  को लाटरी के दुष्परिणामों बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने मात्र 28 दिनों के बाद ही लाटरी को पुनः बंद कर दिया था। भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि स्वयं वीरभद्र सिंह कहते थे कि सरकारें खजाने से नहीं दिमाग से चलती है और प्रदेश में किसी प्रकार का कोई आर्थिक संकट नहीं है। वेतन भत्ते बढ़ाए जा रहे है। कोठियों और करोड़ों रुपए की कारें खरीदी जा रही हैं। अगर आर्थिक संकट है तो सिर्फ कार्यरत और रिटायर कर्मचारियों के लिए,महिलाओं के लिए किसानों मजदूरों के लिए ही है।

विनोद कुमार ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं,नदियों में तरल सोना बहता है।विद्युत उत्पादन की संभावनाएं हैं। उनका दोहन करके प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सकता है। विनोद शर्मा ने कहा कि अगर बिना लाटरी के प्रदेश इतना आगे बढ़ सकता है तो लाटरी शुरू करके हिमाचल की भोली भाली जनता को लूटने के प्रयास क्यों? उन्होंने कहा कि लाटरी खिलाने वाले तो समृद्ध हुए हैं लेकिन लाटरी खेलने वाले हमेशा बर्बाद हुए हैं । उन्होंने कहा कि दौर चाहे महाभारत का हो या अब का।उन्होंने प्रदेश हित में लाटरी शुरू करने के निर्णय को वापिस लेने की मांग की है ।

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