मिलाप कौशल खुंडियां
उपमंडल ज्वालामुखी तहसील खुंडियां गांव फुलवाड़ी की राजो देवी को सेना ने पंद्रह हजार रुपए की मासिक पेंशन लगा कर आर्थिक सहारा दी है। पूर्व सैनिक लीग खुंडियां के चेयरमैन रिटायर्ड कर्नल एम एस राणा ने बताया कि राजो देवी के पिता सिपाही रंगील सिंह 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध दौरान सेना की 5 फ्रंटियर फोर्स में भर्ती हुए थे लेकिन अगस्त 1946 में युद्ध में जख्मी होने से मेडिकल ग्राउंड पर सेवानिवृत कर दिए गए थे। राजो की शादी 1985 में हुई थी। 2007 में पिता की मृत्यु हो गई।
2009 में पति किशोर भी अचानक चल बसे उस समय इनका इकलौता बेटा मात्र 11 साल का था अतः राजो देवी अपनी माता पर डिपेंड हो गई । दिसंबर 2022 में माता रत्नी का भी देहांत हो गया।जनवरी 2023 में जिला सैनिक कल्याण विभाग धर्मशाला के माध्यम से आर्मी रिकॉर्ड में डिपेंडेंट पेंशन की गुहार लगाई गई लेकिन आर्मी रिकॉड ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों का रिकॉर्ड नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया नई दिल्ली के संग्रहालय में स्थानांतरण कर दिया गया है।
कर्नल राणा ने संग्रहालय को पत्र भिजवाए लेकिन जवाब नहीं मिला। तदोपरांत कर्नल राणा ने खुद दिल्ली जा कर संग्रहालय से रिकॉर्ड निकलवाया। राजो का नाम पिता के आर्मी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं पाया गया। इनकी जन्मतिथि का सार्टिफिकेट व मैरिज सर्टिफिकेट भी पंचायत और जिला मुख्यालय में नहीं मिले। सारी कार्यवाही शुरू करवाई तब आर्मी रिकॉर्ड में इनका नाम अपने पिता के साथ दर्ज करवाने जिला सैनिक कल्याण विभाग धर्मशाला के माध्यम से भिजवाया।
रिकॉर्ड ने जिला व पुलिस प्रशाशन से वेरिफिकेशन रिपोर्ट मांगी तदोपरांत इनका नाम पिता के आर्मी रिकॉर्ड में लगभग दो साल की लगातार कार्यवाही बाद दर्ज हुआ था। इसी साल मार्च में पेंशन के पेपर तैयार कर भिजवाए गए। अब दिवाली के समय सेना से पंद्रह हजार की मासिक पेंशन लगा कर राजो देवी को सेना ने आर्थिक सहारा दिया है।
इस उपकार के लिए राजो देवी ने भारतीय सेना, हिमाचल प्रदेश सैनिक कल्याण विभाग के डायरेक्टर ब्रिगेडियर मदन शील शर्मा, कांगड़ा जिला के डेप्यूटी डायरेक्टर कर्नल गोपाल सिंह गुलेरिया, खुंडियां लीग के पदाधिकारी रिटायर्ड कर्नल एम एस राणा, कैप्टन कर्म सिंह, कैप्टन ध्यान, कैप्टन कश्मीर सिंह, सूबेदार मेजर माधो राम और सूबेदार मेजर रणवीर सिंह राणा का पेंशन के पेपर पूरा करने के लिए निस्वार्थ सहयोग के लिए धन्यवाद किया है। लीग के चेयरमैन ने बताया कि ऐसे केस में उन्हीं बेटियों को पेंशन लगती है जिन के परिवार की मासिक आय 9 हजार रुपए से कम हो तथा अन्य शर्तें भी पूरी करती हों।
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