मंडी
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आज प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा क्रियान्वित क्रियान्वित की जा रही प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जिले में चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में 11 गावांे की ग्राम विकास योजनाओं को अनुमोदिन किया गया।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में अब तक चयनित 141 गांवों में से 130 गांवों की ग्राम विकास योजनाएं तैयार कर ली गई हैं और इन्हें समिति द्वारा अनुमोदित भी किया जा चुका है। जबकि आज की बैठक में शेष 11 गावों की विकास योजनाओं को समिति ने अनुमोदित किया है। उन्होंने बताया कि इन 141 गावों में से 17 तय मानकों को पूरा करने के उपरांत 98 गावों को आदर्श गांव घोषित किया जा चुका है।

उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन गांवों की स्वीकृत योजनाओं के अंतर्गत जारी कार्यों को समय पर पूरा किया जाए, व्यय सीमा का उपयोग 4 सितम्बर तक करने और गांव स्तर की समन्वय समिति की बैठक 15 सितंबर तक करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि 4 सितम्बर की बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है। सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग इसके लिए चयनित गावों को 20 लाख रुपये की राशि देता है।

उन्होंने सभी विकास खंड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कि स्वीकृत कार्य गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरे हों ताकि योजना का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचे।उपायुक्त ने लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र को 4 सितम्बर तक उपलब्ध करवाने को भी कहा। साथ ही, सभी विभाग से कहा कि वह अपने-अपने स्तर पर योजना के अंतर्गत प्राप्त धनराशि का सही उपयोग सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की राशि का उपयोग अन्य योजनाओं में न किया जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक, जिला कल्याण अधिकारी समीर विभिन्न विभागों के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे जबकि सभी बीडीओ तथा चयनित पंचायतों के प्रधान एवं सचिव वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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