मंडी,
मंडी से कुल्लू (वाया पंडोह, औट) राष्ट्रीय राजमार्ग-03 को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। बुधवार देर सायं राष्ट्रीय राजमार्ग के इस हिस्से में फंसे वाहनों को सुरक्षित गंतव्य की ओर भेजने का कार्य शुरू हो गया। इससे हजारों यात्रियों सहित स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज स्वयं मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन के इस हिस्से का निरीक्षण किया। उन्होंने ब्यास नदी का जल स्तर बढ़ने तथा भूस्खलन व फ्लैश फ्लड से इस फोरलेन को हुए नुकसान के बारे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
उपायुक्त ने सबसे अधिक प्रभावित द्वाडा, झलोगी सहित अन्य स्थलों पर पहुंचकर स्थिति का अवलोकन किया। उन्होंने एनएचएआई तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से इस मार्ग को समुचित ढंग से बहाल करने पर भी चर्चा की और मौके पर ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

अपूर्व देवगन ने कहा कि इस फोरलेन मार्ग की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। यहां पिछली कुछ अवधि से लगातार भूस्खलन, भूधंसाव व ब्यास नदी के जल स्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से सड़कमार्ग को नुकसान की घटनाएं सामने आई हैं। इस कारण यहां फंसे वाहनों को सुरक्षित निकालना प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।

उन्होंने बताया कि एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, स्थानीय प्रशासन व संबंधित एजेंसियों के सहयोग से आज इस मार्ग को आवागमन के लिए खोल दिया गया है। पुलिस प्रशासन की मदद से 8 मील, कैंची मोड़ (पंडोह डैम), जोगणी माता मंदिर, झलोगी, ड्योढ़ (औट) के पास फिलहाल एकतरफा यातायात की सुविधा प्रदान की जा रही है।

उपायुक्त ने बताया कि छोटे वाहनों को मंडी से कुल्लू की ओर वाया कमांद भी भेजने की व्यवस्था की गई है। मंडी से कुल्लू के बीच फंसे भारी मालवाहक वाहनों को निकालने के लिए भी समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके लिए एनएचआई के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। आगामी एक-दो दिनों में इन्हें सुरक्षित निकालने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इस सड़क मार्ग में फंसे वाहन चालकों की सुविधा के लिए एसडीएम बालीचौकी तथा एसडीएम सदर मंडी के माध्यम से जरूरतमंदों के ठहरने, भोजन-पानी इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है, जो आगे भी जारी रखी गई है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन हीरेमठ, उपमंडलाधिकारी (ना.) मंडी रुपिंदर कौर, उपमंडलाधिकारी (ना.) बालीचौकी देवीराम, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी, परियोजना निदेशक सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।
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