आपदा से बचाव के लिए प्रदेश के साथ-साथ आज सोलन ज़िला में भी भूकंप आधारित मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन

आपदा से बचाव के लिए प्रदेश के साथ-साथ आज सोलन ज़िला में भी भूकंप आधारित मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह जानकारी उपायुक्त सोलन एवं ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने दी।


मनमोहन शर्मा ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल में सोलन ज़िला के 08 स्थान चिन्हित किए गए। उन्होंने कहा कि ड्रिल के लिए सोलन में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सेंट ल्यूक्स स्कूल, सब्जी मण्डी के समीप पुलिस पेट्रोल पंप तथा आनन्द कॉम्पलेक्स, नालागढ़ में औद्योगिक स्थलों एवं नागरिक अस्पताल, कसौली में चक्की मोड, अर्की में ग्राम पंचायत चमयावल के शारड़ा पुल तथा नागरिक अस्पताल अर्की का चयन किया गया।


उपायुक्त ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल के माध्यम से ज़िला प्रशासन द्वारा विभिन्न तैयारियों को परखा गया और आपदा समय में किए जाने वाले कार्यों का अभ्यास कर कमियों को दूर किया गया।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित कर उपकरणों का समुचित उपयोग सुनिश्चित बनाना, मानवीय क्षति को कम करना और बहुमूल्य संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित बनाना था।

उन्होंने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि किस प्रकार आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाकर जानो-माल की क्षति को कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के अभ्यास में विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं और विशेष रूप से प्रशिक्षित युवा आपदा मित्रों के सहयोग से आपदा को न्यून करने की दिशा में कार्य किया गया।


मेगा मॉक ड्रिल में सर्वप्रथम यह जानकारी मिली कि ज़िला के धर्मपुर के समीप रिक्टर स्केल पर 7.8 का भूकम्प आया है और इस कारण ज़िला में अनेक स्थानों पर क्षति के समाचार मिले हैं।
सूचना केन्द्र पर ज़िला के विभिन्न भागों में नुकसान की जानकारी प्राप्त हुई।

इस जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भूकम्प के कारण भवन ध्वस्त, कसौली उपमण्डल में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्की मोड के समीप भूस्खलन, सेंट ल्यूक्स स्कूल सोलन में भवन के गिरने, उपमण्डल अर्की के नागरिक अस्पताल अर्की में भवन गिरने, शारड़ा पुल के समीप नुकसान, नागरिक अस्पताल नालागढ़ में क्षति तथा एच.पी.सी.एल. ऑयल डिपू खेड़ा में गैस लीकेज की सूचना मिली।


सूचना मिलते ही सभी स्थानों पर प्रशासन, पुलिस एवं विभिन्न विभागों की संयुक्त टीमों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा तुरंत कार्यवाही अमल में लाई गई। यह सुनिश्चित बनाया गया कि विभिन्न स्थानों पर क्षतिग्रस्त भवनों इत्यादि के नीचे दबे व्यक्तियों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कर समीप के अस्पताल में उपचार के लिए भेजा जाए और यह निर्धारित किया जाए कि किसी भी स्थान पर जीवित व्यक्तियों को तुरंत राहत मिले। यह भी सुनिश्चित बनाया गया कि मृतकों को निकालने की उचित व्यवस्था हो।


पेयजल आपूर्ति, विद्युत, स्वास्थ्य सहित अन्य आवश्यक आपूर्ति कर्ता विभागों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप कार्य किया गया। 
मेगा मॉक ड्रिल के उपरांत आयोजित डी-ब्रीफिंग में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परामर्शदाता मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के उद्देश्यों और विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।


सोलन ज़िला में आयोजित मॉक ड्रिल के सम्बन्ध में अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने मीडिया को जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि आज की मॉक ड्रिल में सामने आई कमियों को दूर करने के लिए त्वरित कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल में भूकम्प के साथ-साथ भवन की क्षति, अग्नि, भूस्खलन, गैस लीक इत्यादि आपदाओं में बचाव एवं क्षति को न्यून करने पर कार्य किया गया।


उन्होंने कहा कि आज की मॉक ड्रिल में लगभग 12 हजार जन प्रभावित हुए जिनकी सुरक्षा के लिए त्वरित कार्य किया गया।
मॉक ड्रिल में गृह रक्षा समादेशक संतोष कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोलन राजकुमार चंदेल, सहायक आयुक्त नरेन्द्र चौहान, 21 सी 5 सिख के मुख्य पर्यवेक्षक ले. कर्नल विक्रम जीत, ज़िला राजस्व अधिकारी सुमेध शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं ने भाग लिया।


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