संवाददाता शुभम ठाकुर
वहीं प्रदर्शनकारी प्राथमिक शिक्षकों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 23 सितंबर 2025 को नई क्लस्टर प्रणाली पर एक अधिसूचना जारी की गई है।
वहीं इस अधिसूचना से पूर्व भी शिक्षा विभाग द्वारा 29 नवंबर 2023 को नए क्लस्टर निर्माण पर एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसका प्राथमिक शिक्षक संघ ने उस समय विरोध किया था और वार्ता उपरांत एल प्राथमिक शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखते हुए 13 फरवरी, 2024 को संशोधित अधिसूचना जारी की थी।
इस अधिसूचना में बनाए गए क्लस्टर सिस्टम को रिसोर्स शेयरिंग तक सीमित रखने पर सहमति बनी थी और यह भी निर्णय हुआ था कि नर्सरी से पांचवी कक्षा तक प्राथमिक शिक्षा का प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन पूर्व की तरह मुख्य शिक्षकों, केंद्रीय मुख्य शिक्षकों व खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास ही रहेगा।

जबकि छठी से बारहवीं कक्षा तक स्कूलों का प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन पूर्व की तरह प्रिंसिपल के अधीन चलता रहेगा। वहीं अब 23 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना के दिशा निर्देशों में प्राथमिक शिक्षा का पूर्ण नियंत्रण व संचालन प्रिंसिपल को दे दिया गया है, जो कि प्राथमिक शिक्षकों के हितों के साथ कुठाराघात है। वर्ष 1984 से प्राथमिक शिक्षा का अलग ढांचा कार्य कर रहा है और प्राथमिक शिक्षा के प्रशासनिक नियंत्रण व संचालन के लिए अलग क्लस्टर कार्य कर रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना में जारी दिशा निर्देशों में विरोधाभास की स्थिति है और प्राथमिक शिक्षकों को दो-दो प्रशासनिक इकाइयों के अधीन किया जा रहा है। इससे प्राथमिक शिक्षा को भविष्य में बहुत नुकसान होगा. वहीं प्राथमिक शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से शिक्षकों के हितों में इस अधिसूचना को वापस लेने की माँग की है
Discover more from Newshimachal24
Subscribe to get the latest posts sent to your email.