मंडी
जिला वेटलैंड समिति की बैठक मंगलवार को उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य रिवालसर झील वेटलैंड के संरक्षण और संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए मसौदा फ्रेमवर्क प्रबंधन योजना पर विस्तार से चर्चा करना था। बैठक में एडीसी मंडी गुरसिमर सिंह, एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी, उप वन संरक्षक (डीसीएफ) वासु डोगर, सहित वन, जलशक्ति, पर्यटन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर नियोजन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिवालसर झील के संरक्षण के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ही इस योजना को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी विभागों और हितधारकों से योजना पर सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि इन सुझावों के आधार पर इसे और प्रभावी रूप दिया जाएगा।
इस अवसर पर मसौदा योजना को प्रस्तुत करते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि रिवालसर झील एक प्राकृतिक वेटलैंड है, जो अपनी जैव विविधता, धार्मिक महत्त्व और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है। यह क्षेत्र हिन्दू, सिख और बौद्ध समुदायों के लिए आस्था का केंद्र है।

इसके चलते यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। झील के आसपास का पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और अवैज्ञानिक विकास को रोकने के लिए एक ठोस और दीर्घकालिक प्रबंधन योजना की आवश्यकता महसूस की गई है।
विशेषज्ञों ने बताया कि यह मसौदा योजना, आगामी पांच वर्षीय एकीकृत प्रबंधन योजना का पहला चरण है। इस विस्तृत योजना को हिमाचल प्रदेश राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के माध्यम से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को भेजा जाएगा, ताकि इसे आवश्यक स्वीकृति प्राप्त हो सके।
Discover more from Newshimachal24
Subscribe to get the latest posts sent to your email.