किरण राही/ मंडी।
हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य श्री कुशाल भारद्वाज ने हाल ही में भारी भूस्खलन और जमीन धंसने से प्रभावित नेरघरवासड़ा और कुण्डुनी गांवों का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविरों और गांवों में जाकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और मौके पर बैठकों के माध्यम से मूलभूत मुद्दों को चिन्हित किया।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि इस आपदा में अब तक लगभग 30 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं और 20 अन्य परिवार भी गंभीर खतरे में हैं। उन्होंने चेताया कि यदि स्थिति और बिगड़ी, तो नेर खड्ड में प्राकृतिक डैम बन सकता है जिससे जान-माल का नुकसान और बढ़ जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 8-10 घर पूरी तरह मलबे में दब चुके हैं, और कई घरों में फंसा सामान अभी तक सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका है। एक गाय दबकर मर गई है और एक अन्य गंभीर अवस्था में है।
सरकार से की प्रमुख मांगे:
- प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹7 लाख का मकान मुआवजा, चाहे मकान मलकियत भूमि पर हो या नहीं।
- सामान के नुकसान, गौशाला, एवं पशुधन के लिए अलग से मुआवजा।
- नए मकानों की स्वीकृति और कॉऊशेड के लिए मनरेगा से ₹1 लाख की सेल्फ डाली जाए।
- जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान दिए जाएं।
- NDRF और SDRF की टीमें तुरंत मौके पर भेजी जाएं, ताकि पशुधन और सामान को सुरक्षित निकाला जा सके।
- 1980 के वन संरक्षण कानून में संशोधन कर शामलात भूमि, आबादी देह व अन्य सामूहिक भूमि हिमाचल सरकार को हस्तांतरित की जाए।
- 2006 के वन अधिकार कानून को लागू कर प्रभावितों को स्थायी पट्टे और नियमितीकरण दिया जाए।
- किसी भी स्थिति में प्रभावितों की बेदखली नहीं होनी चाहिए।
भारद्वाज ने आलोचना की कि “कुछ नेता मीडिया की टीमें साथ लेकर स्वयं के प्रचार में लगे हैं, जबकि जरूरत पुनर्वास और राहत कार्यों की है। जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, किसान सभा उनका साथ देती रहेगी।”
बड़ा अधिवेशन जल्द:
उन्होंने यह भी घोषणा की कि हिमाचल किसान सभा जल्द ही प्रभावितों के समर्थन में एक बड़ा अधिवेशन आयोजित करेगी, जिसमें जनप्रतिनिधियों और जनता को आपदा के गंभीर पहलुओं से अवगत करवाया जाएगा।
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