राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज मंडी जिला के सिराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग, बगस्याड़ और जंजैहली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से भेंट कर आवश्यक राहत सामग्री वितरित की।राज्यपाल ने सबसे पहले थुनाग में आपदा प्रभावितों से बातचीत की और कहा कि हाल ही में प्राकृतिक आपदा से थुनाग उपमंडल में निजी संपत्ति, जमीन और पशुधन का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 3 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवजा राशि के मामलों को अंतिम स्वीकृति दे दी गई है।
स्थानीय लोगों के साहस की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारी नुकसान के बावजूद यहां के लोगों का साहस और दृढ़ संकल्प सराहनीय है। हालांकि नुकसान की पूरी भरपाई संभव नहीं है, फिर भी सहायता प्रदान करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने ऐसी परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आंतरिक संसाधनों और अतिरिक्त व्यवस्थाओं पर विचार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

राज्यपाल ने बगस्याड़ स्थित राहत शिविर का भी दौरा किया और थुनाग में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में आपदा प्रभावितों से बातचीत की। इसके उपरान्त उन्होंने पंचायत घर पाखरेड का दौरा किया और झुंडी तथा पाखरेड पंचायतों के प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लिया। राज्यपाल ने जंजैहली में आपदा प्रभावित परिवारों से भेंट की और उन्हें सांत्वना दी।
उन्होंने कहा कि राजभवन से मंडी के लिए पांच ट्रक और कुल्लू के लिए एक ट्रक राहत सामग्री भेजी जा चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन द्वारा अनुरोध किए जाने पर और सहायता शीघ्र भेजी जाएगी।राज्यपाल ने कहा कि आपदा प्रभावितों का तत्काल पुनर्वास एक चुनौती है और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए निवारक उपाय किए जाने की तत्काल आवश्यकता है।

पर्यावरण संरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए और सामूहिक रूप से उन पर कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि भारत सरकार द्वारा आपदा के कारणों और क्षति का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय दल भेजा गया है, जो भविष्य की योजना और राहत प्रयासों में सहायता प्रदान करेगा।
राज्यपाल के साथ उपस्थित विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि लोग अभी भी गहरे सदमे में हैं क्योंकि उनकी आजीविका के स्रोत नष्ट हो गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से सड़क, बिजली और पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने रेडक्रॉस के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए राज्यपाल का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पुनर्वास एक बड़ी चुनौती बना हुआ है क्योंकि अधिकांश प्रभावित लोग अभी भी अस्थायी व्यवस्थाओं में रह रहे हैं।
इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी राज्यपाल के साथ अपने अनुभव और समस्याएं साझा कीं।इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन, सहायक पुलिस अधीक्षक सचिन हिरेमठ और अन्य वरिष्ठ जिला अधिकारी भी उपस्थित थे।
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