जनता की समस्याओं बारे नहीं गावर कन्सट्रक्शन कम्पनी और नकारे अधिकारियों के बचाव में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम-माकपा।              धर्मपुर व अन्य जगहों पर हुई तबाही की मुख्य बजह है एनएच निर्माण कार्य ।        9 जुलाई को सरकाघाट में कम्पनी के विरोध में करेंगे प्रदर्शन।

किरण राही/पधर ( मंडी) ।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी धर्मपुर व सरकाघाट कमेटी ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गावर कंपनी औऱ एनएचएआई के अधिकारियों के बचाव में उतरने की निंदा की है।जबकि वे इनके अवैध निर्माण कार्य से परेशान यहां की जनता के बारे में वर्षों से चुप बैठे हुए थे।पार्टी सचिव व पूर्व ज़िला पार्षद भुपेन्द्र सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में गावर कन्सट्रक्शन कंपनी के माध्य्म से बनाये जा रहे राष्ट्रीय उच्च मार्गों व फोर लेन सड़कों से हरजगह अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है और उससे स्थानीय लोग परेशान हैं।

मंडी ज़िला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्य पिछले चार साल से चल रहा है और अभी तक भी अधूरा है।जिसकी सैंकड़ों शिकायतें लोगों,जनप्रतिनिधियों, समाजिक व राजनैतिक संगठनों ने विभाग के मंत्री नितिन गडकरी को इस दौरान में की हैं और यहां तक कि विधानसभा में भी कई बार मुद्दा उठाया गया है।लेकिन तब न तो नितिन गडकरी और न ही पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस बारे कोई संज्ञान लिया और न कोई ब्यान दिया।

लेक़िन दो दिन पहले शिमला के भुट्टाकुफर में कंपनी की कटिंग के कारण ढहे बहुमंजिला मकान के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए और कंपनी पर नकेल न डाल पाने के लिए दोषी एनएचएआई अधिकारियों के खीलाफ़ भी लोगों ने कथित तौर पर नाराज़गी जाहिर की और ऐसा भी कहा जा रहा है कि मारपीट भी की गई। जिसमें हिमाचल सरकार के मंत्री के शामिल होने के भी आरोप लगे हैं और एफआईआर दर्ज हुई है।

लापरवाही के मामले केवल शिमला में ही नहीं बल्कि मंडी ज़िला के धर्मपुर, सरकाघाट, सदर मंडी और हमीरपुर में भी कई मरतवा हो चुका है और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय के परियोजना निदेशक तो यहां लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रसासन द्धारा बुलाई गई मीटिंगों में नहीं आते हैं।धर्मपुर में गासियां खड्ड में की गई अवैध डंम्पिंग और उस पर बनाये जाने वाले पुल के गिरने के बाद ही मौर्थ के परियोजना निदेशक यहाँ आये।

भुपेन्द्र सिंह ने कहा कि कंपनी द्धारा किये जा रहे अवैध निर्माण कार्य के बारे में न तो किसी भाजपा नेता ने मुंह खोला और न ही पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ने और शिमला के भुट्टकुफर में मकान गिरने के बाद हुई कथित मारपीट की घटना के एक घण्टे में ही पूर्व मुख्यमंत्री मीडिया में प्रकट हो गए और गावर कम्पनी तथा नकारे अधिकारियों का बचाव करने लग गए और उसके बाद केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी भी सक्रिय हुए और मुख्यमंत्री को निर्देशित करने लग गए।माकपा नेता ने कहा कि गावर कन्सट्रक्शन कंपनी में भाजपा के बड़े नेताओं व मंत्री की हिस्सेदारी है और इस कंपनी को हिमाचल प्रदेश में बीस हजार करोड़ रुपए के टेंडर सड़कों के निर्माण के लिए मिल चुके हैं।

ये कम्पनी मजदूरों का बड़े पैमाने पर शोषण करती है और श्रम कानूनों को लागू नहीं करती है और यदि कोई यूनियन बनाने की कोशिश करे तो मज़दूरों को डराने धमकाने के लिए हरियाणा के बाउंसरों से उन्हें डराया धमकाया जाता है।हिमाचल सरकार की नीति के अनुसार ये स्थानीय युवाओं को रोज़गार नहीं देती है।बड़े पैमाने पर रिश्वत देकर अवैध व घटियाकिस्म का निर्माण कार्य करती है।इसलिए जयराम ठाकुर और नितिन गडकरी तथा भाजपा नेताओं को इस बारे में भी मुंह खोलना चाहिए।पार्टी ने तय किया है कि गावर कन्सट्रक्शन कम्पनी पर एक माह से सरकाघाट पुलिस द्धारा एफआईआर दर्ज न होने के विरोध में 9 जुलाई को सरकाघाट में प्रदर्शन किया जाएगा।


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