विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला है। राणा ने कहा कि जिस तरह एक कैबिनेट मंत्री ने सरेआम नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारी की पिटाई की, उसने हिमाचल में लोकतांत्रिक व्यवस्था की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने पूरे देश में हिमाचल को शर्मसार किया है और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस पर सख्त नाराजगी जताई है।
अगर मंत्री को किसी अधिकारी के कामकाज में कमी दिख रही थी तो शिकायत दर्ज करवा कर जांच करवाई जा सकती थी, लेकिन एक जिम्मेदार मंत्री का इस तरह हाथ उठाना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने प्रदेश में सड़क निर्माण के लिए 23,729 करोड़ रुपये दिए हैं और इस तरह की घटनाएं न सिर्फ व्यवस्था को चोट पहुंचाती हैं बल्कि प्रदेश की छवि भी धूमिल करती हैं।

राजेंद्र राणा ने मांग की कि मुख्यमंत्री को तुरंत कैबिनेट की बैठक बुलाकर इस मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया — महिलाओं को ₹1500 महीना, युवाओं को रोजगार, कर्मचारियों और पेंशनरों के बकाया भुगतान जैसे वादे हवा में लटके हुए हैं।
मेडिकल बिल और ठेकेदारों की पेमेंट भी लटकी पड़ी है, जबकि प्रदेश कर्ज में डूब रहा है। ऐसे में मंत्री अपनी नाकामी का गुस्सा अधिकारियों पर निकाल कर डंडातंत्र चला रहे हैं।
राणा ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों के आचरण को जनता फॉलो करती है लेकिन अब हिमाचल में मंत्री खुद बदनाम करने वाली मिसालें पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस मामले में चुप्पी भी हैरान करने वाली है, जिससे लगता है कि वो एक्शन लेने की बजाय अपनी खामोशी से घटना पर सहमति जता रहे हैं।
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