चिंतपूर्णी, हिमाचल प्रदेश
राजकीय महाविद्यालय चिंतपूर्णी में शुक्रवार के दिन आईक्यूएसी सेल के द्वारा भूकंप पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसके लिए परागपुर के निकटवर्ती गांव बलेहड़ा निवासी डॉ अरविंद कुमार (रिसर्चर) व एसोसिएट प्रोफेसर जो की नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन अर्थक्वेक इंजीनियरिंग ताइपे (ताइवान) में कार्यरत हैं, मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ अजय कुमार ने की और बताया कि डॉ अरविंद कुमार ने 50 से ज्यादा रिसर्च पेपर पब्लिश किए हैं।
वहीं उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय(रूस, जापान आदि) कांफ्रेंस में भी भाग लिया है। मुख्यवक्ता डॉ अरविन्द कुमार ने छात्रों को भूकंप के कारण प्रभाव और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भूकंप की प्राइमरी और सेकेंडरी वेब्ज के बारे में बताते हुए कहा कि प्राइमरी वेव्ज से एहसास हो जाता है कि द्वितीय वेज आने वाली है।उन्होंने बताया कि भूकंप के केंद्र को मापने के लिए सीस्मोग्राफ का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है। उन्होंने बताया कि पांच की तीव्रता से ऊपर वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक होते हैं कार्यक्रम के अंत में डॉ विनोद कुमार द्वारा मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया गया।
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