रक्कड़ , 31 अगस्त ( पूजा ):केन्द्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में शनिवार को सात दिवसीय टांकरी लिपि प्रशिक्षण राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। जिसमें बतौर मुख्यातिथि राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर अनिर्वाण दास ने शिरकत की।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राचीन लिपियों में विद्यमान लोकोपयोगी विषयों का सर्वसाधारण जनमानस के लिए उजागर करना बहुत आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाषा शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के प्रोफेसर जतीन्द्रमोहन मिश्र उपस्थित रहे।
उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रमों का समय समय पर आयोजन करने का आग्रह किया ताकि पुरानी चीज बची रहें।वेदव्यास परिसर की निदेशक प्रो.सत्यम कुमारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बहुत ही विरले होते हैं और वर्तमान समय में इनकी बहुत आवश्यकता है।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि हम भविष्य में भी ऐसे कार्यों को करते रहेंगे। कार्यशाला के संयोजक डॉ यज्ञदत्त शर्मा ने सभी अतिथियों व आचार्यों का स्वागत व अभिनंदन किया तथा टांकरी लिपि की पृष्ठभूमि पर विस्तृत प्रकाश डाला।
अन्य तीनों सत्रों में लिपियों के उद्भव और विकास पर विचार किया गया तथा ब्राह्मी लिपि का प्रशिक्षण छात्रों को प्रदान किया।
इस कार्यशाला में 90 प्रतिभागी उपस्थित रहे। इस अवसर पर निदेशक प्रो सत्यम कुमारी सहित प्रो. शीशराम, प्रो.मंजूनाथ, डा.विजेंद्र कुमार शर्मा, डॉ मनोज श्रीमाल, डॉ अमित वालिया ,डॉ दीपकुमार, डॉ.शक्ति शरण शर्मा, डॉ हरिओम, डॉ विनोद कुमार शर्मा, डॉ चक्रपाणि पोख्रेल आदि उपस्थित रहे।