पंडित सुमित शास्त्री ने शिव मंदिर धनोट में भगवान श्री कृष्ण का किया गुणगान






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उपमंडल ज्वालामुखी के अंतर्गत पड़ने वाले गांव धनोट के शिव मंदिर में चल रही श्री मद भागवत कथा के दूसरे दिन धरोहर गांव प्रागपुर के पंडित सुमित शास्त्री ने वर्णन करते हुए कहा कि अंतकाल आने पर मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए ,उसे घर की और घरवालों की ममता को त्याग कर किसी पुण्य तीर्थ में चले जाना चाहिए।

वहां स्नानादि से शुद्ध होकर ओंकार का जप करना चाहिए, ओंकार इस संपूर्ण सृष्टि का आधार है। जो भी मनुष्य ओंकार का जप करता हुआ शरीर को त्यागता है वह परम गति को प्राप्त होता है। इसके बाद शास्त्री ने श्राद्धों की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि पितरों के उद्देश्य से विधिपूर्वक जो कर्म श्रद्धा से किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं, श्राद्ध से संतुष्ट होकर पितृगण श्राद्धकर्ता को दीर्घ आयु, संतति, धन, विद्या, राज्य व सुख प्रदान करते हैं ।

श्राद्धकर्ता में तीन गुणों पवित्रता,अक्रोध व अचापलय का होना जरूरी है।कथा के बीच सुन्दर भजन जैसे श्रद्धा दे नाल कोई बुलांदा नइयो ओर भक्त के वश में है भगवान ने भक्तों को भाव विभोर कर दिया।कथा में सचिन , आशीष, अभिषेक, दिव्यांश,निशा देवी,शीला,सीमा रानी व रेखा देवी व अन्य ग्रामीणों ने भाग लिया ।

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