(परागपुर : वालिया)
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर के महिला छात्रावास में संस्कृत सप्ताह समारोह का भव्य शुभारंभ महिला अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र की निदेशिका प्रोफेसर मोहिनी अरोड़ा के संरक्षण में हुआ। इस समारोह का उद्देश्य छात्राओं को संस्कृत भाषा की संवाद-शक्ति, सांस्कृतिक चेतना और भारतीय जीवन मूल्यों से जोड़ना है।
प्रो. अरोड़ा ने उद्घाटन सत्र में अपने उद्बोधन में कहा कि “संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय स्त्री चेतना और सांस्कृतिक गरिमा की सजीव अभिव्यक्ति है। इसे व्यवहार में लाकर हम अपनी परंपराओं से जुड़ते हैं और आत्मिक बल प्राप्त करते हैं।” उन्होंने छात्राओं को संस्कृत को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
समारोह के प्रथम दिवस संस्कृत संभाषण वर्ग का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षाशास्त्र प्रथम वर्ष की छात्राएं चन्द्रेश, श्वेता, हुम देई, साक्षी प्रशिक्षण कर्ता के रूप में रहीं। शुद्ध उच्चारण, श्लोक पाठ, संवाद अभ्यास, दृश्य अभिनय और शब्द क्रीड़ाओं के माध्यम से छात्राओं ने संस्कृत को जीवंत रूप में अनुभव किया।
प्रो. अरोड़ा के मार्गदर्शन और प्रेरणा से वर्ग को एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है। यह कार्यक्रम छात्राओं में भाषा, संस्कृति और आत्मबोध के समन्वय की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
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