विपुल गुप्ता, सुजानपुर, न्यूज़ हिमाचल 24
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 11 नवंबर को बिलासपुर में आयोजित किए जा रहे जश्न पर तीखे सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ और चुनावी वादों पर खरा न उतरने का जश्न करार दिया।
आज यहां जारी एक प्रेस बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और आम नागरिकों को सिर्फ झूठी गारंटियों का सब्ज़बाग दिखाया है। युवाओं को नौकरियों का सपना दिखाकर उनके इंटरव्यू के नतीजे रोक दिए गए। हर महिला को ₹1500 महीने देने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक यह वादा सिर्फ कागज़ों में सिमटकर रह गया है। महिलाओं से फॉर्म भरवाए गए, लेकिन उन्हें बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार मित्रवाद और खनन माफिया को संरक्षण देने में लगी रही। मुख्यमंत्री के करीबी ज्ञानचंद ‘ज्ञानू’ को प्रदेश में क्रशर संचालन की विशेष अनुमति दी गई, जबकि अन्य सभी क्रशर बंद कर दिए गए। आज वही ज्ञानू भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे है। क्या इस घटना का भी जश्न मनाया जाएगा?
राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। सड़कों की हालत खराब है, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों और पेंशनरों के एरियर का भुगतान तक नहीं किया गया। इसके बावजूद सरकार तामझाम के साथ जश्न मना रही है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह जश्न असल में झूठी गारंटियों, जनता की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ और प्रदेश के खजाने को मित्रों पर लुटाने का उत्सव है। जनता को इसका जवाब चाहिए कि सरकार ने पिछले दो सालों में उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए।
राजेंद्र राणा ने यह भी कहा कि जनता अब जाग चुकी है और इस जश्न के बहाने सरकार की असफलताओं को भूला नहीं सकती। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस जश्न के जरिए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है?