मिलाप कौशल/ खुंडियां
खंड चिकित्सा अधिकारी ज्वालामुखी डॉ संजय बजाज के अदेसानुशार आंगनवाड़ी केन्द्र गुम्मर में ग्राम पंचायत गुम्मर की प्रधान शिमला देवी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अन्तर्गत जागरूकता शिविर का आयोजन किया इस शिविर में खंड स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चन्देल ने शिविर में आई महिलाओं को बताया कि राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह 15 से 21 नवंबर तक मनाया जा रहा है ।
चंदेल ने बताया कि इस नवजात शिशु देखभाल सप्ताह को मनाने का उद्देश्य यही है कि नवजात शिशु को एक महीने तक शिशु को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है ताकि नवजात शिशु की होने वाली मृत्यु दर को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि शिशु के जन्म के तुरंत बाद माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध जिसे कॉलोस्ट्रोम कहते है उसे पीलाने से शिशु के शरीर मे विभिन्न प्रकार की बिमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है और इस कॉलोस्ट्रोम दूध को पिलाने से शिशु को पहला टीकाकरण भी कहा जाता है ।
उन्होंने बताया कि जब भी हम नवजात शिशु को पकड़ते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे। जब भी बच्चे को गोदी में ले अपने हाथ साबुन पानी से धो लें और नवजात शिशु को भी साफ कपड़े से पोछें, बच्चे को गर्म रखे, और जन्म के बाद 48 घंटे तक शिशु को स्नान न करवाएं, शिशु की नाभि नाल पर कुछ न लगाएं, और यदि शिशु का बजन 2500 ग्राम से कम हो तो उसकी विशेष देखभाल करें और 6 महीने तक बच्चे को केवल माँ का ही दूध पिलाए।
किसी प्रकार का शहद, घुट्टी या अन्य कोई भी पदार्थ न दें। माँ को स्तनपान करवाने के लिए प्रोत्साहित करना। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के जीवन के पहले 28 दिन की अवधि शिशु को जीवित रखने के लिए महत्वपूर्ण अवधि होती है और इस अवधि में नवजात शिशु का अन्य अवधी की तुलना में मृत्यु का सबसे अधिक जोखिम रहता है।
उन्होंने बताया कि प्रसव सरकारी अस्पताल में ही करवाए और शिशु की उचित देखभाल के लिए शिशु को 48 घंटे तक अस्पताल में चिकित्सक की देख रेख में रखें। समय समय पर बच्चे को संपूर्ण टीकाकरण करवाए। क्योंकि आज के स्वास्थ बच्चे ही कल का भविष्य होंगे। चन्देल ने बताया कि नवजात शिशु के स्वास्थ जीवन के लिए हमे पहले गर्भ में पल रहे शिशु के समय से ही देखभाल की जरूरत होती है तो हमे गर्भवस्था के दौरान गर्भवती महिला को अपने खान पान और समय समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए तभी वह एक स्वास्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।
उन्होंने बताया कि बच्चे का 20 प्रतिशत दिमाग माँ गर्भ में ही बन जाता है और 80 प्रतिशत दिमाग की बढ़ोतरी जन्म से दो वर्ष तक के बच्चों की हो जाती है इस लिए बच्चे का गर्भवस्था के दौरान और जन्म से दो वर्ष तक बच्चे को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। चन्देल ने बताया कि गर्भवती महिला का पूरी गर्भवस्था में कम से कम 10 से 12 किलोग्राम बजन बढ़ना चाहिए।
तभी उस महिला के स्वास्थ व हष्ट-पुष्ट बच्चा पैदा होगा। इसके लिए गर्भवती महिला सन्तुलित आहार लें और गर्भावस्था में कम से कम 6 महीने तक आयरन और कैल्शियम की गोली जरूर खाए। पूरी गर्भावस्था में कम से कम चार बार अपने स्वास्थ्य की जाँच जरूर करवाएं। चंदेल ने इस शिवर में जननी सुरक्षा योजना प्लस, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ बन्दना योजना, 108 और 102 आपातकालीन सेवा के बारे में, विस्तार पूर्वक बताया तथा लोगो को इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक करने की सलाह दी।इस अवसर पर ग्राम पंचायत प्रधान शिमला देवी ने शिवर में आई महिलाओ को नवजात शिशु देखभाल के बारे में और महिलाओं को भी जागरूक करने की सलाह दी उन्होंने बताया कि नवजात शिशु को एक महीने तक विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए माँ का दूध पिलाए।
और समय समय पर टीकाकरण भी करवाए । साथ मे उन्होंने बताया कि जो सरकार द्वारा कार्यक्रम और योजनाए चलाई है उनके बारे में भी लोगो को जागरूक करने की सलाह दी ताकि लोग लाभ उठा सके। इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नवजात शिशु देखभाल के बारे में भाषण प्रतियोगिता व पेंटिंग प्रतियोगिता भी करवाई गई भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रीना देवी (आशा कार्यकर्ता , द्वितीय स्थान पर मंजू (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,और तृतीय स्थान पर रंजना ( आशा कार्यकर्ता रही। पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर नानिता (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , द्वितीय स्थान पर मंजू (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , तृतीया स्थान पर सुदेश कुमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रही।स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भाषण प्रतियोगिता व पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाली आशा कार्यकर्ताओं व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को ईनाम भी दिए गए।
इस शिविर में उपस्वास्थ्य केन्द्र गुम्मर की सीएचओ शिफाली , तनुजा गुलेरिया,वाल विकास परियोजना विभाग पर्यवेक्षक सुनीता देवी, वार्ड सदस्या गुम्मर स्नेह लता, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और लगभग 65 लोग शिविर में उपस्थित रहे।