आशा कार्यकर्ता जिला कांगड़ा की अध्यक्षा सरला राणा की अध्यक्षता में सौंपा ज्ञापन
मिलाप कौशल/ खुंडियां
भारतीय मजदूर संघ हिमाचल प्रदेश के 7,8,9 जून को संपन्न हुए 19वें त्रैमासिक अधिवेशन में अधिकारियों, मजदूरों की समस्याओं के अंतर्गत 2 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए तथा निर्णय लिया गया कि संलग्न प्रस्तावों को हिमाचल प्रदेश सरकार को आगामी सकारात्मक कार्रवाई हेतु तहसीलदार ज्वालामुखी के माध्यम से प्रेषित किया जा रहा है।
भारतीय मजदूर संघ हिमाचल प्रदेश ने असंगठित क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिकाओं,मिड डे मील वर्करों तथा इह क्षेत्र में कार्य कर रहे अन्य सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए नियमितिकरण के लिए नियम न होना इनके वेतन में उचित वृद्धि न होना, राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतन का वेतनमान तथा मंहगाई भत्ते की किश्त समय पर नहीं मिलना, निगमों, बोर्डों के कर्मचारियों को सातवें वेतन का वेतनमान नहीं मिलना, सरकार द्वारा बोर्डों, निगमों एवं स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के लिए जारी की गई पैंशन की अधिसूचना संख्या 1-9/1997 दिनांक 29-12-1999 को बहाल करके पैंशन नहीं देना और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों तथा औधौगिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को कम वेतन देना।
इन्हें सरकार द्वारा न्यूनतम 18000/- रूपए वेतन नहीं देना। औधौगिक क्षेत्र में उधोगों द्वारा ठेकेदार को बदलना और उससे उधोग में श्रमिकों को आ रही उक्त समस्याओं को रखते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।
वहीं जिला कांगड़ा आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्षा सरला राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को तहसीलदार ज्वालामुखी के माध्यम से विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन भेजा गया है जिसमें आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन 18000 रूपए दिया जाए तथा कार्यकर्ताओं के लिए स्थाई नीति बनाई जाए।
प्रदेश में आशा फेसिलेटर की नियुक्ति की जाए। अन्य प्रदेशों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष की जाए तथा ग्रजुटी दी जाए।नई शिक्षा नीति के तहत प्री स्कूल शिक्षा में शिक्षकों की भर्ती में आंगनबाड़ी कर्मचारियों को प्राथमिकता देते हुए अनुबंध के आधार पर नीति बनाई जाए।
प्रदेश में कार्यरत सभी मिड डे मील वर्करों को न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए तथा इन्हें नियमितिकरण के लिए नियम बनाए जाएं। इन्हें न्यायालय के निर्णय के अनुसार 12 महीने का वेतन दिया जाए तथा इनकी छंटनी पर पूर्णतया रोक लगाई जाए। साथ ही कहा कि भारतीय मजदूर संघ हिमाचल प्रदेश ने अन्य सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए इस ज्ञापन में विस्तृत जानकारी दी है।