मंडी, 5 दिसंबर। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी के कमांद परिसर में पर्वतीय क्षेत्रों की सड़कों के रखरखाव पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े इंजीनियर, विभिन्न परियोजना क्रियान्वयन इकाईयों एवं एआरआरडीए स्तर के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण सड़कों के विकास एवं रखरखाव में आने वाली चुनौतियों के प्रति सभी हितधारकों को तैयार करना है। विशेषतौर पर पर्वतीय एवं आपदा संभावित क्षेत्रों में सड़कों का रखरखाव और बेहतर ढंग से किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सहित मंडी जिला का अधिकांश क्षेत्र दुर्गम श्रेणी में आता है और इन क्षेत्रों में सड़कें ही परिवहन का मुख्य साधन हैं।
प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सड़कें क्षतिग्रस्त होने से आम-जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होता है। ऐसे में सड़कों की निर्माण प्रक्रिया से ही गुणवत्ता और बढ़ाने तथा उनके रखरखाव में आधुनिक तकनीकी का समावेश समयोचित है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान एवं प्रशिक्षण का समुचित लाभ इंजीनियर वर्ग सहित सड़क निर्माण से जुड़ी सभी इकाइयां अवश्य उठाएंगी।
प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीण सड़कों के बारे में तकनीकी दक्षता एवं ज्ञान में वृद्धि के दृष्टिगत आईआरसी दिशानिर्देशों व भारत में पहाड़ी क्षेत्रों के मौसम के अनुरूप डिजायन तैयार करने पर बल दिया जाएगा। इसमें हिमाचल प्रदेश को एक अध्ययन विषय (केस स्टडी) के रूप में रखा गया है। इस दौरान छोटे पुल एवं कल्वर्ट इत्यादि के रखरखाव पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त डीपीआर तैयार करने तथा एनडीएमए गाइडलाइन के अनुसार इनके तकनीकी घटकों की समझ बढ़ाने, सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और इसके लिए आईआरसी प्रोटोकॉल के अनुरूप प्रयोगशाला जांच सहित सड़कों के रखरखाव में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने, आपदा उपरांत सर्वेक्षण और जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
शुभारंभ सत्र में आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्ता एवं विविध क्षेत्रों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संयोजक स्कूल ऑफ सिविल एंड एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग के डॉ. आशुतोष कुमार ने सभी का स्वागत किया और इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की। स्कूल के चेयरपर्सन डॉ. रजनीश शर्मा ने भी अपने विचार रखे। डॉ. सूर्यकांत सहदेव ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा।