मंडी, 7 मार्च: डिप्टी कमिश्नर मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि फरवरी माह में जिला में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के 6 मामलों को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। यह जानकारी उन्होंने डीआरडीए हॉल में एफसीए के लंबित मामलों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

उन्होंने बताया कि फरवरी माह में सुकेत और करसोग वन मंडल में सलापड़ से तत्तापानी सड़क, नाचन वन मंडल में उपमण्डलीय भू-संरक्षण अधिकारी कार्यालय भवन बगस्याड और गनी से बोरानी नाला सड़क, सुकेत वन मडल में संपर्क सड़क अनुसूचित जाति बस्ती कलेहरी, करसोग वन मंडल में करसोग शहर और इसके साथ लगते गांवों के लिए सिवेज ट्रीटमैंट प्लांट बनाने और सिवेज लाईन बिछाने, लघु पन विद्युत परियोजना कांधा, मंडी वन मंडल में सुकेत खड्ड पर बनने वाली सुकेत लघु पन विद्युत परियोजना को सैद्वांतिक मंजूरी मिली है।
इन मंजूरियों के लिए उन्होंने वन विभाग सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों का धन्यवाद किया।
बैठक में उपायुक्त ने मंडी, पधर, सरकाघाट, सुन्दरनगर, गोहर, करसोग, बालीचौकी, लड़भड़ोल और कोटली में वन भूमि में बनने वाले न्याययिक परिसरों के एफसीए मामलों परिवेश 1.0 पोर्टल पर लंबित 71 मामलों और परिवेश 2.0 के 28 मामलों की समीक्षा की।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी लंबित मामलों के निपटारे में लापरवाही न बरतें और मामले की मंजूरी के लिए गहनता से जांच करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो मामले परिवेश 1.0 पोर्टल से समय पर जबाव न देने पर हट गए हैं उन्हें दोबारा पोर्टल पर लिस्ट करवाएं। उन्होंने वन विभाग को सभी उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया ताकि लंबित मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा हो सके।
बैठक में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट सिद्धार्थ सरपाल, डीएफओ (जिला मुख्यालय) अंबरीश शर्मा, डीएफओ मंडी बसु डोगर, सुकेत राकेश कटोच, जोगिन्द्रनगर कमल भारती, करसोग केवी नेगी सहित जल शक्ति लोक निर्माण, शिक्षा, विद्युत सहित विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
