जोगिंदर नगर में चोरी और ठगी जैसी घटनाओं में पिछले कुछ वर्षों से हो रही  वृद्धि



किरण राही पधर/ मंडी।


जोगिन्दर नगर में चोरी,  छीना झपटी व ठगी की लगातार बढ़ती वारदातों पर चिंता जताते हुए हिमाचल किसान सभा ने इन वारदातों पर अंकुश लगाने और आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।

किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि लचर पुलिस व्यवस्था तथा राजनीतिक शह के चलते जोगिन्दर नगर में पिछ्ले कुछ वर्षों से चोरी, छीनाझपटी व ठगी की वारदातों में लगातार वृद्धि हुई है। इन वारदातों का सीधा संबंध चिट्टा और अन्य नशों से भी सीधे तौर पर जुड़ा है।

पिछले कुछ महीनों में एकाएक चोरी व छीनाझपटी की वारदातों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। जोगिन्दर नगर के अधिकांश इलाकों में ये चोरियाँ हुई हैं। अंदराहलू के दो मंदिरों, थापरी के मंदिर, मकरीड़ी के समीप एक मंदिर सहित कई मंदिरों में चोरियाँ हुई हैं।

शहर के आसपास के कई गांवों घमरेहड़, दारट, मझवाड़, चौंतडा, लडभड़ोल सहित हर इलाके में लोगों के घरों में भी चोरियाँ हुई हैं। दिन दिहाड़े ऐहजू और जोगिन्दर नगर बाज़ार में महिलाओं के पहने हुए आभूषण छीनने की घटनाएँ हो चुकी हैं। अब एक बुजुर्ग का 50 हजार रूपये जो उन्होंने बैंक से निकाले ही थे और चोरों ने योजनबध तरीके से उनका पीछा करते हुए भराडू में चलते हुए उनके बैग से वे पैसे निकाल लिए।


कुशाल भारद्वाज ने कहा कि चिंता इस लिए भी बढ़ जाती है क्योंकि ज़्यादातर वारदातों में चोरों को पकड़ा नहीं गया है। जिस कारण बहुत से युवा जो नशे की गिरफ्त में हैं इन वारदातों को बेखौफ हो कर अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि चोरी और झपटमारी के अलावा ऑनलाइन ठगी की वारदातों में भी अत्यधिक वृद्धि हुई है।

जोगिन्दर नगर के अनेकों लोग इन ऑनलाइन ठगबाजों का शिकार हो चुके हैं तथा अपनी जमापूंजी गंवा चुके हैं। कई तरह के तौर-तरीके अपना कर ये ठग अकसर घरेलू महिलाओं या फिर स्कूली बच्चों को फोन या मैसेज कर उनसे खाता नंबर, आधार नंबर  या फिर बैंक कार्ड का पिन हासिल कर उनके खातों से पैसे उड़ा देते हैं। ऐसे अनेक लोग इन ठगबाजों का शिकार हुए हैं, लेकिन पुलिस आज तक किसी भी ठगबाज़ को पकड़ नहीं पाई है।


कुशाल भारद्वाज ने कहा कि चोरी की वारदातें बढ्ने के पीछे चिट्टा नशा भी काफी हद तक ज़िम्मेवार है। चिट्टा तस्करों के जाल में फंस कर बहुत से किशोर और युवा आज चिट्टे की गिरफ्त में हैं। चिट्टे के कारण कई युवा मौत का ग्रास बन चुके हैं। दुख की बात है कि जिन युवाओं को चिट्टे की लत लगी है उनके परिजन इसको सबसे छुपाते हैं, कोई इस बारे उनसे बात करें तो वे सूचना देने वाले या आगाह करने वाले को ही धमकाते हैं।

परिजनों के इस रवैये से वे अपने ही बच्चों को मौत की तरफ धकेलने में मददगार हो रहे हैं। जब तक चिट्टे की गिरफ्त में आए युवाओं के परिजन खुलकर सामने नहीं आते हैं तब तक चिट्टे के खिलाफ लड़ाई न लड़ी जा सकती है और न जीती जा सकती है। जिन बच्चों को चिट्टे की लत है उनके बारे में उनके गाँव, मोहल्ले के सब लोग, सभी नजदीकी रिश्तेदार चर्चा करते रहते हैं, लेकिन नशे की पूरी तस्वीर सामने दिखने पर भी परिजन इस पर पर्दा डालते हैं और उनके बच्चों की सच्चाई जो भी उनसे भी बयान करता है, वे उसको दुश्मन की तरह देखते हैं।

इससे साफ लगता है कि लोगों को अपने बच्चों की ज़िंदगी से ज्यादा अपने रूतबे और सम्मान की फिक्र है। चिट्टे के फैलाव के लिए सत्ता के नजदीकी नेता भी ज़िम्मेवार रहते हैं, क्योंकि अपनी अपनी सरकारों के दौरान सत्ता के करीबी नेता इन नशा तस्करों को अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करते हैं और जब इनके खिलाफ कोई कार्यवाही होने लगती है तो ऐसे नेता ही इन तस्करों को बचाते भी हैं।


कुशाल भारद्वाज ने मांग की कि हर तरह की चोरी, छीनाझपटी, ऑनलाइन ठगी और नशे के सौदागरों के खिलाफ पुलिस को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जो लोग चिट्टा के धंधे में लगे हैं उनका सोश्ल बॉयकौट करने की जरूरत है वहीं ऐसे सौदागरों को पकड़वाने के लिए हर किसी को आगे आना चाहिए।

अपने बच्चों की नशे की लत को छुपाने के बजाए जल्दी ही उसे नशामुक्त करने के उपाए करने चाहिए। ऐसा तभी संभव है जब इस बात को अपने आस-पड़ोस में वे सभी के साथ सांझा करे।


कुशाल भारद्वाज ने कहा कि यदि समय रहते नहीं संभले तो कई घरों के चिराग इस नशे से असमय ही बुझ जाएँगे। उन्होंने कहा कि जोगिन्दर नगर में किसान सभा काफी लोकप्रिय व प्रभावशाली संगठन है। इसलिए चिट्टे के खिलाफ किसान सभा शीघ्र ही अभियान चलाएगी। यदि चिट्टा पर अंकुश लग गया तो यकीन मानिए चोरी और छीनाझपटी की वारदातें भी कम हो जाएंगी।

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