चौहारघाटी के बड़ी बजगाण गांव का सपूत शहीद



एक माह की छुट्टी पर घर आया था ज्ञान चंद, 27 मार्च को बिगड़ा स्वास्थ्य

मिल्ट्री अस्पताल चंडीगढ़ में ली अंतिम सांस

श्रीनगर में था तैनात, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुआ अंतिम संस्कार ।

किरण राही/ पधर/ मंडी ।



मंडी जिला की चौहारघाटी की वीरभूमि बड़ी बजगाण गांव का 24 वर्षीय राइफलमैन ज्ञान चंद देश के नाम शहीद हुआ। ज्ञान चंद ने वर्ष 2018 में जैक राइफल में भर्ती होकर भारतीय सेना में अपने कर्तव्यों की शुरुआत की थी। वर्तमान में वे श्रीनगर में तैनात थे।


करीब एक माह पहले वे छुट्टी पर अपने गांव आए थे और 4 अप्रैल को ड्यूटी पर लौटने वाले थे। लेकिन 27 मार्च को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके चलते सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें सिटी हॉस्पिटल कांगड़ा में भर्ती करवाया गया। बाद में हालत गंभीर होने पर 1 अप्रैल को चंडीगढ़ के मिल्ट्री हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां 6 अप्रैल दोपहर को उन्होंने अंतिम सांस ली।
7 अप्रैल को सेना के जवानों द्वारा पार्थिव शरीर गांव लाया गया, जहां शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, चारों ओर चीख-पुकार मच गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।


गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया। जहां बड़े भाई विनोद ने उन्हें मुखाग्नि दी। बहनें दीपा और भावना भाई के जाने के गम में बिलखती रहीं। गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। ज्ञान चंद चार भाई बहनों में सबसे छोटा था। स्वजन अपने लाडले की शादी की तैयारियों में थे। पिता रूप सिंह और माता लाडले के अचानक इस तरह छोड़ जाने से सुध बुद्ध खो बैठे हैं।


समूची चौहारघाटी में शोक की लहर है। पूर्व मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर, विधायक पूर्ण चंद, पंचायत समिति अध्यक्षा शीला ठाकुर, उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, जिला परिषद सदस्य शारदा ठाकुर, पूर्व प्रधान रोशन लाल, सवित्रा देवी, ओम प्रकाश और जोगिंदर सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताई है।

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