हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के सौजन्य से आतमा परियोजना बैजनाथ द्वारा ग्राम पंचायत कुंसल में आज प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधायक बैजनाथ किशोरी लाल ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थित शिरकत की। इस एक दिवसीय किसान गोष्ठी में लगभग 100 किसानों ने भाग लिया।
विधायक किशोरी लाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं

ताकि किसान रसायन मुक्त खेती कर उचित लाभ प्राप्त कर सकें
विधायक ने बताया कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों की खरीद के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है एवं यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को उनकी उपज का उचित और लाभकारी मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मक्की की खरीद के लिए समर्थन मूल्य 40 रुपए , गेहूं की खरीद के लिए 60 रुपए और हल्दी की खरीद के लिए 90 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि भूमि की उर्वरता को बनाए रखना है। उन्होंने ये भी बताया कि रसायनयुक्त खाद व कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है बल्कि इससे उत्पन्न उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों में अनेक स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं।

विधायक किशोरी लाल ने बताया कि प्राकृतिक खेती के चार आधार स्तंभ जीवामृत, बीजामृत, आच्छादन और वापसा हैं, जोकि खेती को रसायनमुक्त बनाकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बैजनाथ में लंबे समय से बंद पड़ी चाय फैक्ट्री को पुनः क्रियाशील किया गया है, जिससे स्थानीय किसान अब प्राकृतिक तरीके से उत्पादित चाय का प्रसंस्करण कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी अपने निवास स्थान पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे भी इस पद्धति को अपनाएं और अपनी आय बढ़ाने के साथ-साथ समाज को स्वस्थ उत्पाद उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर विधायक द्वारा किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्नत किस्म के आम, आंवला, अमरूद, संतरा एवं नींबू के पौधे वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी को अपनाकर अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं।

गोष्ठी के दौरान कृषि विभाग से आए विशेषज्ञों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की विधियों, जैविक खाद निर्माण, जल संरक्षण एवं भूमि सुधार तकनीकों की जानकारी प्रदान की तथा अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जुड़ने का आह्वान किया। किसान गोष्ठी में उपस्थित प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों ने भी अपने अपने अनुभव सांझा किए ।
इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत कुंसल सपना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत वही बलवीर ठाकुर, वार्ड सदस्य पंकज धीमान, उप परियोजना निदेशक कांगड़ा डॉ विशाखा पाल, कृषि विकास अधिकारी बैजनाथ डॉ सुगंधा शर्मा, विषय वाद विशेषज्ञ डॉ रेनू शर्मा, खंड तकनीकी प्रबंधक निकिता, सहायक तकनीकी प्रबंधक ज्योतिका राणा, सहायक तकनीकी प्रबंधक सचिन शर्मा, उन्नत किसान नागेन्द्र कटोच, उन्नत किसान टेक चंद, महासचिव ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सुमित सत्ती, सह मीडिया प्रभारी अजय गौड़ सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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