किरण राही/पधर (मंडी)।
वन परिक्षेत्र उरला के अंतर्गत डीपीएफ देवधार के घने जंगल में गंदगी से भरे प्लास्टिक बोरे फेंके जाने का मामला सामने आया है। इस कृत्य से न केवल जंगल की सुंदरता को क्षति पहुंची है, बल्कि अब बरसात के चलते सड़ांध फैलने से क्षेत्र की आबोहवा भी प्रभावित हो रही है। इससे राहगीरों को यहां से गुजरना तक दूभर हो गया है।

स्थानीय ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर गहरा आक्रोश जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि कोटरोपी–चुक्कू–खजरी संपर्क मार्ग के समीप जंगल में प्लास्टिक के बड़े लिफाफों और डिब्बों में गंदगी भरकर फेंकी गई है। इनमें सब्जी मंडियों में प्रयोग होने वाले पैकिंग लिफाफों, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों, डिस्पोजल गिलास और अन्य कचरे की भरमार है। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि किसी व्यापारी या संस्थान द्वारा इस तरह की गंदगी जंगल में जानबूझकर फेंकी गई है।

पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, पंचायत प्रधान ममता मित्तल और स्थानीय महिला मंडलों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन और वन विभाग से दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और महिला मंडलों द्वारा भी अपने स्तर पर जांच की जा रही है और शीघ्र ही इस मामले से संबंधित साक्ष्य एकत्र कर विभाग को सौंपे जाएंगे।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जंगलों की स्वच्छता और प्राकृतिक सौंदर्य को बचाए रखने के लिए सख्त निगरानी और कठोर दंड की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह के कृत्य को दोहराने का साहस न कर सके।
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