अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) दिवस के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को जिला उद्योग केंद्र में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक डॉ. ठाकुर भगत की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों और बैंकों के अधिकारियों तथा स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर स्थानीय उद्यमियों को संबोधित करते हुए डॉ. ठाकुर भगत ने बताया कि भारत सहित विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का बहुत बड़ा योगदान रहता है और ये बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी करते हैं। इन उद्योगों के महत्व को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2017 में 27 जून को अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।

महाप्रबंधक ने बताया कि भारतीय कारोबार में लगभग 90 प्रतिशत योगदान इन्हीं उद्योगों का रहता है और रोजगार के 60 से 70 प्रतिशत तक अवसर इन्हीं उद्योगों के माध्यम से सृजित होते हैं। भारत से होने वाले निर्यात में भी इनकी हिस्सेदारी 40 से 45 प्रतिशत तक रहती है। हिमाचल प्रदेश के 95 प्रतिशत से अधिक उद्योग भी एमएसएमई की श्रेणी में ही आते हैं।

डॉ. ठाकुर भगत ने बताया कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई सब्सिडी योजनाएं चलाई हैं। अपने उद्यम स्थापित करने के इच्छुक लोगों और विशेषकर युवाओं को इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। इससे वे स्वरोजगार के साथ-साथ कई अन्य लोगों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार दे सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान (आरसेटी) के निदेशक अजय कुमार कतना, जिला अग्रणी प्रबंधक कार्यालय के अधिकारी अनिल कुमार, उद्योग प्रसार अधिकारी मनदीप सिंह और अन्य अधिकारियों ने विभिन्न स्वरोजगार एवं सब्सिडी योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर स्थानीय उद्यमी वीरेंद्र मल्होत्रा, कई अन्य उद्यमी तथा उद्योग विभाग की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के लाभार्थी भी उपस्थित थे।
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