एम्बुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर। मंडी में सीटू के नेतृत्व में किया प्रदर्शनऔर शहर में निकाली रैलीराष्ट्रीय हेल्थ मिशन में मेड्सविन कंपनी कर रही है मज़दूरों का शोषण और श्रम कानूनों की उलंघन्ना-भुपेन्द्र।


किरण राही/मंडी।

सीटू से सबंधित हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की यूनियन के आह्वान पर गत 27 मई की मध्य रात्रि से प्रदेशव्यापी हड़ताल के आह्वान पर मंडी ज़िला में भी पूर्ण हड़ताल है।हड़ताल में शामिल एम्बुलेंस कर्मचारियों ने आज ज़िला मुख्यालय मंडी में विरोध रैली निकाली और जोरदार प्रदर्शन किया।जिसका नेतृत्व सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह, गोपेन्द्र शर्मा, सुरेश सरवाल,गुरदास वर्मा,सुरेंद्र शीलू और एम्बुलेंस यूनियन यूनियन के ज़िला सयोंजक सुमित कपूर और सह सयोंजक पंकज,यशपाल, संजय, सुरेंद्र,रिंटू कुमारी, जमना कुमारी संतोष कुमारी इत्यादि ने किया।

कर्मचारियों के समर्थन में रेहड़ी फहड़ी और फोरलेन वर्करज यूनियन ने भी समर्थन देने के लिए भाग लिया। मंडी ज़िला में कुल 31 लॉकेशन जहां एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है उनमें 163 कर्मचारी कार्यरत हैं।जिनमें 71 पायलेट 80 इमरजेंसी मेडिसिन तकनीशियन शामिल हैं।


सीटू के ज़िला प्रधान भुपेन्द्र सिंह ने कहा  प्रदेश में सैंकड़ों कर्मचारी मुख्य नियोक्ता एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत मेडस्वेन फाउंडेशन के अधीन काम कर रहे हैं।जिनमें पायलट,कैप्टन व ईएमटी कर्मचारी भयंकर के शिकार हैं। शोषण का आलम यह है कि इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता है। इन कर्मचारियों से बारह घंटे डयूटी करवाई जाती है

परंतु इन्हें ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है।हाईकोर्ट, लेबर कोर्ट, सीजेएस कोर्ट और श्रम विभाग ने दिशा निर्देश को ये कंपनी  लागू नहीं करती है।यही नहीं जिन कर्मचारियों ने यूनियन के माध्य्म से अपनी मांगों के लिए आवाज़ उठाई उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उन्हें जबरन नॉकरी छोड़ने के लिए दबाब डाला जाता है।

यही नहीं उन्हें कई कई महीने नॉकरी से बाहर रखा जाता है।इन कर्मचारियों को नियमानुसार और ज़रूरत के अनुसार छुटियां नहीं मिलती हैं।ईपीएफ और ईएसआई योजना के तहत सुविधा नहीं दी जाती है।कंपनी श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन कर रही है और कर्मचारियों का शोषण कर रही है।

मेड्सवेन फाउंडेशन से पहले ये सभी कर्मचारी जीवीके-इएमआरआई कंपनी के माध्य्म से राष्ट्रीय हेल्थ मिशन में कार्यरत थे लेकिन कंपनी बदलने पर पहले तो इन्हें निकाल दिया था लेकिन सीटू से जुड़ने के बाद और आन्दोन करने पर इन्हें ही मेड्सविन कंपनी ने दोबारा नॉकरी पर रख दिया था लेकिन उन्हें छंटनी भत्ता, ग्रेच्यूटी, नोटिस पे व अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई हैं।कुलमिलाकर कंपनी इन कर्मचारियों का घोर शोषण कर रही है और श्रम कानूनों का उललंघन कर रही है जिसके चलते हड़ताल करनी पड़ी है।यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी है कि यूनियन द्धारा दिए गए डिमांड चार्टर को आज की हड़ताल के बाद भी लागू नहीं किया गया तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होगी।

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