सम्मेलन स्थल का नामकरण एनडी रणौत भवन और सरचन्द ठाकुर हाल दो दिवंगत सीटू नेताओं के नाम पर किया गया है जिनकी पिछले साल कम आयु में मौत हो गई थी।इसके अलावा सीटू के संस्थापक व वरिष्ठ नेता 101 वर्षीय कामरेड वीएस अच्युतानंद को भी सम्मेलन के शुरू में श्रद्धांजलि अर्पित की गई और आपदा तथा बस दुर्घटना में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई।सम्मेलन का उद्घाटन निर्माण मज़दूर फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव आरका राज पंडित ने किया।

सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुखवीर सिंह और सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, राज्य सचिव प्रेम गौतम, भुपेन्द्र सिंह, जोगिन्दर कुमार, अमित कुमार, राजेश शर्मा, चमन लाल,रीता देवी सहित पौने दो सौ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उदघाट्न संबोधन में उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनियां में साम्राज्यवादी ताक़तें मज़दूरों और समाजवादी देशों को कुचलने का काम कर रहे हैं।लेकिन दुनिया के मज़दूर इन सभी ताकतों के खीलाफ़ एकजुट हो रहे हैं।भारत मे भी नरेंद्र मोदी की सरकार मज़दूरों के खीलाफ़ की नीतियां पिछले 13 साल से तेज़ी से लागू कर रही है और उसी कड़ी में मोदी सरकार ने मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने 44 श्रम कानूनों को रद्द कर दिया है और उनकी जगह चार सहिंताएं बना दी है जिनमें मज़दूरों के हकों पर हमला किया गया है।
जिसका विरोध सभी मज़दूर यूनियनें कर रही है जिसके चलते वे अभी इन्हें लागू नहीं कर पा रहे हैं।इसी कड़ी में 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल हुई है और आने वाले समय में ये सँघर्ष और तेज होगा।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी ट्रम्प की तर्ज़ पर लोगों को जाति, धर्म और क्षेत्र के नाम पर बांट रही है ताकि मज़दूरों की एकता तोड़ी जा सके।भाजपा की केंद्र सरकार हर समस्या को धर्म के आधार पर हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा खड़ा कर रही है।

मोदी सरकार उस ग्रामीण मज़दूर को अमीर मानती है जिसकी दैनिक मज़दूरी 65रु है और शहरी क्षेत्रों के मजदूरों की आमदनी-मज़दूरी 110 रु है।ये सरकार हर रोज झूठ बोलने का काम करती है और हिटलर की उस नीति को मॉन कर काम कर रही है कि अगर एक झूठ को बार बार बोलने से सच में बदल जाता है।ये सरकार बेरोज़गारी,महंगाई, महिला,अनुसूचित जाति, जनजातियों व अल्पसंख्यक समुदाय के ऊपर सोची समझी साजिश व योजना के तहत हमले हो रहे हैं।
ये सब लोगों की एकता तोड़ने और कम्पनियों का मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस सरकार के समय आतंकी हमले भी बढ़े हैं और अब तक किसी किसी को भी पकड़ा नहीं गया है लेकिन इसमें सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए अंधराष्ट्रवाद पैदा करके धार्मिक आधार पर जहर घोला जा रहा है।
आज देश भर में सारे काम जो विभागों के माध्य्म से होते थे उनको कम्पनियों के जरिये करवाया जा रहा है और ये कम्पनियां श्रम कानूनों की उलंघ्ना करती हैं बड़े पैमाने पर भ्र्ष्टाचार करती हैं।इसलिए निर्माण मज़दूर फेडरेशन को फोरलेन,एनएच, रेलवे,हाईडल, मनरेगा मज़दूरों को संगठित करके सँघर्ष तेज़ करने होंगे।
Discover more from Newshimachal24
Subscribe to get the latest posts sent to your email.