राजस्व मंत्री ने थुनाग में की आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षासड़कों व ग्रामीण सम्पर्क मार्गों की बहाली पर विशेष ध्यान केंद्रित करें- जगत सिंह नेगीकहा, प्रत्येक प्रभावित तक राहत पहुंचाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी आज शुक्रवार को सराज क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के बाद चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए थुनाग में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रभावित तक राहत पहुंचाना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने संतोष जताया कि सभी अधिकारी पूरी तत्परता के साथ राहत कार्य सुनिश्चित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मंडी जिला में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक लगभग 2.14 करोड़ रुपए की सहायता राशि विभिन्न मदों में प्रभावितों को प्रदान की जा चुकी है। जिला में त्वरित सहायता के रूप में 58.71 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसमें से थुनाग क्षेत्र में 45 लाख रुपए से अधिक की राशि प्रदान की गई है।

पक्के व कच्चे घरों व अन्य निजी संपत्ति को हुए नुकसान की एवज में जिला में अभी तक एक करोड़ 55 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें से थुनाग क्षेत्र में लगभग 1.35 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा थुनाग उपमंडल के प्रभावित क्षेत्रों में 4082 राशन किट, 865 कंबल, 5172 तिरपाल सहित अन्य राहत सामग्री का वितरण किया जा चुका है।


मनरेगा के तहत 9 करोड़ के कार्य आरंभ
उन्होंने बताया कि सम्पर्क सड़कों की बहाली पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जिला में अभी तक 103 सड़कें बहाल की जा चुकी हैं जबकि 37 सडकें आज बहाल होने की संभावना है। इसके लिए पर्याप्त मशीनरी इत्यादि उपलब्ध करवाई गई है।

उन्होंने बताया कि सराज क्षेत्र में मनरेगा के तहत लगभग 9 करोड़ रुपए की लागत से 401 कार्य आरम्भ किए गए हैं। इनमें 292 पैदल रास्ते, 62 पैदल पुल व तीन सुरक्षा दीवारों से संबंधित हैं। विभिन्न स्थलों पर मलबा हटाने के 44 कार्य शुरू किए गए हैं। गोहर उपमंडल में भी 162 कार्य आरम्भ किए गए हैं।


मलबा हटाने को लोक निर्माण विभाग को 40 लाख रुपए
राजस्व मंत्री ने बताया कि दूरस्थ गांवों में आवाजाही की सुविधा बहाल करने के लिए झूले भी स्थापित किए जा रहे हैं। सुराह, खुनागी व द्रुणु गांव के लिए लगभग 19 लाख रुपए झूलों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने अन्य स्थलों पर भी आवश्यकतानुसार झूलों के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए।

पांडव शिला, कुथाह, थुनाग बाजार, संगलवाड़ा, बूंग, जरोल में मलबा हटाने के लिए निर्माण विभाग को लगभग 40 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कृषि, बागवानी व राजस्व अधिकारियों को नुकसान का संयुक्त रूप से मूल्यांकन करने के भी निर्देश दिए।
एसडीआरएफ के तहत 19.63 करोड़ रुपए के कार्य प्रस्तावित
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भूस्खलन से निपटने के लिए केलोधार से पटिकरी सड़क, मंडी-गागल-चैलचौक-जंजैहली सड़क पर लंबाथाच व औहन गांव के समीप, थुनाग-पंजौट-लाम्बसाफड़ सड़क पर देजी गांव के समीप, राजकीय फार्मेसी कॉलेज के समीप तथा थाचाधार से नलोटी सड़क पर लेहथाच पंचायत के डोगरा गांव में 19.63 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्य राज्य आपदा शमन निधि (एसडीआरएफ) के तहत प्रस्तावित हैं।


उपायुक्त ने राहत कार्यों का दिया ब्यौरा
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आपदा के कारण हुए नुकसान तथा अब तक किए गए राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। सराज विकास खंड में कृषि विभाग को लगभग 7 करोड़ 31 लाख रुपए का फसल भूसंरक्षण और 66 पॉली हाउस का नुकसान हुआ है। गोहर ब्लॉक में छह पंचायतों में 5 करोड़ 12 लाख रुपए के 183 पॉली हाउस प्रभावित हुए हैं।

बागवानी विभाग को सराज में 85 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 45 हजार पौधों का नुकसान हुआ है। तीन ग्राम पंचायतों बगस्याड, थुनाग, जंजैहली की 42 हजार वर्ग मीटर भूमि पर 142 किसानों ने पॉली हाउस लगाए थे जिनका लगभग 5.50 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उपमंडल थुनाग में बाग़बानी विभाग को लगभग 25 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिला में विभिन्न विभागों को हुए नुकसान व चलाए जा रहे राहत कार्यों की भी जानकारी दी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, उपमंडलाधिकारी (ना.) रमेश कुमार सहित सभी संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।


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