बिलासपुर
सदर के विधायक त्रिलोक जम्वाल ने एचआरटीसी की जाहू-बिलासपुर वाया कुठेड़ा, तल्याणा, हरलोग बस सेवा को अचानक बंद करने पर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का तालाबंदी का शौक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
कई संस्थानों के साथ ही बिलासपुर में लगभग एक दर्जन बस रूट भी बंद किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में अब जाहू-बिलासपुर बस सेवा बंद करके स्कूल-काॅलेज के विद्यार्थियों से एक और सुविधा छीन ली गई है। इससे ऐसा लग रहा है कि किसी प्राईवेट बस ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
बस रूट बहाल किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को उन्होंने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ उपायुक्त राहुल कुमार से मुलाकात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा। साथ ही इस मसले को लेकर एचआरटीसी के आरएम के साथ भी बात की।

त्रिलोक_जम्वाल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने तीन वर्ष होने जा रहे हैं। इस अवधि में सरकार ने बिलासपुर को कोई नई सौगात देने के बजाए केवल छीनने का ही काम किया है। लोगों की सुविधा को नजरअंदाज करके कई संस्थानों पर तालाबंदी कर दी गई। अकेले सदर विधानसभा क्षेत्र में लगभग दो दर्जन सरकारी स्कूल, हेल्थ सब-सेंटर, जल शक्ति विभाग के सब-डिविजन, हरलोग में उप तहसील तथा बिलासपुर में बिजली विभाग का एमएंडटी सर्कल बंद कर दिया गया।
छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आईटीआई खोली कई थी। गल्र्स आईटीआई बंद करके छात्राओं से यह सुविधा भी छीन ली गई। पर्यटन निगम के होटल लेक व्यू और हिलटाॅप को बंद करने के फरमान जारी करने के साथ एचआरटीसी के लगभग एक दर्जन रूट भी बंद किए जा चुके हैं।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि तालाबंदी की शौकीन कांग्रेस सरकार स्कूल-काॅलेज के बच्चों को भी नहीं छोड़ रही है। एचआरटीसी की जाहू-बिलासपुर वाया कुठेड़ा, तल्याणा, हरलोग बस से अन्य लोगों के साथ ही विद्यार्थियों को भी बड़ी सुविधा मिल रही थी। सुबह के समय जाहू से बिलासपुर आने वाली यह बस दोपहर बाद के समय वापस जाती थी।
कई गांवों के स्कूल-काॅलेज के बच्चे इसी से आते-जाते थे, लेकिन गत वीरवार से इसे भी बंद कर दिया गया। पता चला है कि उसकी जगह इस रूट पर प्राईवेट बस चलाई जा रही है। एचआरटीसी की बसों में बच्चों को पास के माध्यम से रियायती दरों पर आने-जाने की सुविधा मिलती है, लेकिन सरकार ने यह सुविधा भी उनसे छीन ली। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
यदि सरकार कोई नई सुविधा नहीं दे सकती, तो कम से कम पुरानी सुविधाएं तो नहीं छीनी जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि लोगों, विशेष रूप से विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह बस रूट तुरंत बहाल किया जाए।
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