सड़क की निशानदेही को लेकर प्रशासन ने की ड्रामेबाजी :कुशाल भारद्वाज।

किरण राही/पधर/मंडी ।

हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि गड़ूही-भौरा-कस सड़क की निशानदेही के नाम पर आज प्रशासन द्वारा ड्रामेबाजी ही की गई है, जिससे साफ पता चलता है कि सरकार व प्रशासन की एक ऐसी सड़क को खोलने के लिए जिसके निर्माण में प्रहानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अनुसूचित जाति उप योजना के तहत करोड़ो रूपाया खर्च हुआ है।

पिछले कल मंडी डीसी के जोगिंदर नगर दौरे के बाद जोगिंदर नगर प्रशासन ने और राजस्व विभाग 25 जून से शूररू होने वाले जनआंदोलन के मद्देनजर आज यानि 24 जून को सड़क के विवादित स्थल पर निशानदेही की सूचना सभी पक्षों को दी तथा ये भी कहा कि तहसीलदार अथवा नायाब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम द्वारा पुलिस व सभी पक्षों की उपस्थिती में निशानदेही की जाएगी।


सड़क सुविधा से वंचित हुए कई गांवों के लोग भी आज इस आस में कि उनकी सड़क सुविधा फिर से वहाल हो जाएगी, सुबह ही निशानदेही वाले स्थल पर चले गए थे। बड़े हैरानी की बात है कि आज निशानदेही के लिए राजस्व विभाग के बड़े अधिकारी शामिल ही नहीं हुए, जबकि वहाँ पर कानूनगो को भेजा गया। हकीकत यह है कि पिछली बार जब निशानदेही हुई थी तो नायाब तहसीलदार के नेतृत्व में ही हुई थी। इसलिए नायाब तहसीलदार द्वारा की गई निशानदेही के बाद कानूनगो को निशानदेही के लिए भेजना इस बात का सूचक है कि जोगिंदर नगर में रातों रात प्रशासन के फैसले पलट जाते हैं।

कुशाल भारद्वाज ने फिर दोहराया कि समस्त जनता की मांग है कि वन विभाग की जमीन की फॉरेस्ट क्लियरेंस हो चुकी है, वहीं से सड़क निकाली जाये। इसके अलावा एक और दलित परिवार ने लिखित में पहले भी शपथ पत्र दिया है कि यदि सड़क निर्माण में और भी भूमि चाहिए तो साथ लगती उनकी भूमि से सड़क निकाल दी जाये तथा उन्हें कोई आपति नहीं है।

इसके बावजूद प्रशासन उन लोगों की क्यों सुन रहा है, जिनकी जमीन से सड़क निकालनी ही नहीं है। कुशाल भारद्वाज ने प्रशासन के इस प्रकार के रुख की कड़े शब्दों में निंदा की है और इससे इस व्यवस्था सदकार व प्रशासन की विरोधी मानसिकता का भी पता चलता है।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि एक एक्सियन द्वारा एक निर्वाचित प्रतिनिधि और उनके साथ गए दलित परिवारों के प्रतिनिधिमंडल को अपने कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए एसडीएम की लिखित अनुमति लाने और उन्हें पुलिस बल के सहारे जबरन बाहर रोकने मामले में प्रदेश सरकार और उच्चाधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की है।

सरकार और उच्चाधिकारी एक ऐसे अफसर का पक्ष ले रहे हैं जिनके कार्यकाल में सलूणी, धर्मपुर व अब जोगिंदर नगर में भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उठे और कार्यवाही भी हुई। जोगिंदर नगर के किसी भी आम आदमी से पूछो तो उनका यही कहना है कि उक्त एक्सियन का न तो व्यवहार सही है और न ही वे लोगों की बात सुनते हैं।
उन्होंने कहा कि 25 जून का प्रदर्शन सड़क खुलवाने की मांग के साथ-साथ इस बात के लिए भी हो रहा है कि उक्त अधिकारी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाये तथा उनकी सम्पत्तियों की न्यायिक जांच कारवाई जाये। इसके अलावा जोगिंदर नगर की सभी सड़कों की हालत खराब है।

अस्पताल में डॉक्टरों के 19 में से 15 पद खाली हैं। उबसों व स्टाफ की भारी किल्लत है। कई गाँव पेयजल के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन किसी को भी जनता की इन समस्याओं की फिक्र नहीं है। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि कल का प्रदर्शन किसान सभा और प्रभावित जनता के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों, महिला मंडलों और युवक मंडलों द्वारा मिलकर आयोजित किया जा रहा है।

सुबह साढ़े दस बजे रामलीला मैदान के मंच पर इकट्ठा होने के बाद सभी लोग एकजुट हो कर एसडीएम कार्यालय तक जाएँगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी देंगे। उन्होंने सबसे अपील की कि इंसाफ की इस लड़ाई में वे जरूर हमारा साथ दें और बेलगाम अफसरशाही, भ्रष्टाचार और जन समस्याओं उदासीनता के खिलाफ बढ़चढ़ कर इस प्रदर्शन में हिस्सा लें।


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