नशा मुक्त एवं संस्कार युक्त समाज की स्थापना भविष्य की सुरक्षा का आधार – न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर                                                       नशा निवारण के लिए व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामुदायिक स्तर पर पहल की आवश्यकता – न्यायमूर्ति विरेंद्र सिंह                                                      नशा मुक्ति पुनर्वास एवं अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक-न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि नशा मुक्त एवं संस्कार युक्त समाज की स्थापना भविष्य की सुरक्षा का आधार है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर आज डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन द्वारा आयोजित विशाल विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित कर रहे थे।


यह शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। शिविर में नशा मुक्त समाज-भारत का संकल्प तथा पर्यावरण संरक्षण-भूमंडल रक्षण विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई।


न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों की जानकारी युवाओं को उत्तरदायी नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होती है। उन्होंने कहा कि नशा एक व्यापक समस्या है और इसके निदान के लिए समाज की एकजुटता आवश्यक है। एकजुट, सार्थक एवं सामूहिक प्रयास ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रख सकते हैं।


उन्होंने कहा कि एक उत्तरदायी नागरिक ही नशा मुक्ति एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर सकता है। इसके लिए जहां जन सहभागिता के माध्यम से जन-जन को जागरूक किया जाना आवश्यक है वहीं संकल्पित होकर कार्य करना समय की मांग है।


न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि हम सभी को यह चिंतन करने की आवश्यकता है कि हम कैसे भारत और हिमाचल की परिकल्पना करते हैं। देश एवं प्रदेश का निर्माण हमारे हाथों में है। उन्होंने आग्रह किया कि युवाओं को संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान की जाए ताकि युवा पीढ़ी सभी के हित की भावना के अनुरूप कार्य कर सके।


उन्होंने कहा कि विधायिका, न्याय पालिका एवं कार्य पालिका नशा मुक्त समाज एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर कार्यरत हैं। राष्ट्रीय, राज्य एवं ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण लोगों को इस दिशा में सतत् जागरूक कर रहे हैं। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने नशा पीड़ितों के उदाहरणों के साथ युवा पीढ़ी को नशे के विरुद्ध जागरूक किया।


उन्होंने तदोपरांत उपस्थित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं, आपदा पीड़ितों एवं छात्रों के साथ संवाद भी स्थापित किया। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विरेंद्र सिंह ने कहा कि नशा पहले एक समस्या थी किंतु अब एक बुराई बन गई है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के निवारण के लिए व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामुदायिक स्तर पर ठोस पहल करने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं की असीमित ऊर्जा को सही दिशा प्रदान करने और नशा पीड़ितों को निरंतर सहानुभूति पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया।


उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज-भारत का संकल्प और पर्यावरण संरक्षण-भूमंडल रक्षण विषय पर राज्य एवं ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 18 अक्तूबर, 2025 को मण्डी से शुरुआत की गई थी।


हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित बनाना ही विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति तथा पर्यावरण आपस में जुड़े हुए हैं और सभी स्तरों पर आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि नशा पीड़ितों के पुनर्वास एवं परामर्श के लिए अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस वर्ष 191 विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किए गए हैं। प्राधिकरण द्वारा 11 हजार से अधिक पौधे भी रोपित किए गए हैं।


ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन शरद कुमार लगवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि जागरूक नागरिक ही समाज की सुरक्षा का आधार हैं।अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन अभय मण्डयाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। आई.ई.सी. विश्वविद्यालय बद्दी के सहायक प्रो. फणीन्द्र सिंगल ने नशा मुक्त समाज-भारत का संकल्प विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि राष्ट्र की उन्नति युवा शक्ति पर निर्भर करती है। उन्होंने नशा निवारण के उपायों पर प्रकाश डाला।


नौणी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के शोधकर्ता वासु भनोट ने पर्यावरण संरक्षण-भूमंडल रक्षण विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण सम्पूर्ण मानवता के अस्तित्व से जुड़ी जिम्मेदारी है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और रक्तदान शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई।


उन्होंने ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा नशे के विरुद्ध जन जागरूकता के लिए सेल्फी प्वाइंट पर फोटो खिंचवाकर लोगों को जागरूक भी किया।
प्रदेश सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से सम्बद्ध शिव शक्ति कला मंच, अर्की  के कलाकारों द्वारा नशा निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर दी गई प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया।


हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रोमेश वर्मा, उनकी धर्मपत्नी आसिमा वर्मा, अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन विवेक खेनाल, अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश नालागढ़ पंकज गुप्ता, अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश कनिका चावला, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोलन दिव्या ज्योति पटियाल, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव आकांक्षा डोगरा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोलन, सोनल शर्मा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोलन आर. मिहुल शर्मा, ज़िला बार काउंसिल के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के उप कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोलन राजकुमार चंदेल, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बसंल, उप पुलिस अधीक्षक सोलन अनिल धौलटा, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता तथा छात्र इस अवसर पर उपस्थित थे।


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