जिला स्तरीय एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में उपायुक्त ने दिए निर्देश
हमीरपुर 22 जुलाई। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने जिला के सभी सेकंडरी और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने संस्थानों में रैगिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध करें।
मंगलवार को जिला स्तरीय एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में रैगिंग जैसी घटनाओं को रोकने तथा इसमें संलिप्त विद्यार्थियांे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए रैगिंग निषेध अधिनियम में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जिला के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में हाल ही के वर्षों के दौरान रैगिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह की लापरवाही या ढील नहीं होनी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि रैगिंग के शिकार विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है तथा उनका कॅरियर भी प्रभावित होता है। रैगिंग में संलिप्त विद्यार्थियों के दोषी पाए जाने पर उनका कॅरियर भी तबाह हो सकता है। सभी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को इसके बारे में जागरुक किया जाना चाहिए।
इसके लिए संस्थानों के परिसरों में रैगिंग विरोधी पोस्टर-बैनर लगाए जाएं तथा इन पर हेल्पलाइन नंबर या शिकायत नंबर प्रदर्शित किए जाएं। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी निगरानी की जा सकती है। रैगिंग की शिकायत के लिए शिकायत बक्से भी स्थापित किए जा सकते हैं।

उपायुक्त ने कहा कि संस्थानों के परिसरों के आस-पास के सुनसान स्थानों और रैगिंग के अन्य संभावित स्थानों को चिह्नित करके वहां पर नियमित रूप से पुलिस की गश्त करवाई जा सकती है। इसके लिए स्थानीय पुलिस से समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।
अन्य रैगिंग रोधी प्रबंधों को लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोही राम चौहान ने विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी के प्रोफेसर डॉ. शशि शर्मा, डिग्री कालेज हमीरपुर के सहायक प्रोफेसर सौरभ सूद, डीएसपी हरीश गुलेरिया, अन्य अधिकारियों और विद्यार्थी प्रतिनिधि वसुंधरा नेगी ने भी भाग लिया।
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