एम्स बिलासपुर से जुड़े लंबित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजितमरीजों की सुविधा, बुनियादी ढांचे और ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर लिए गए कई अहम फैसले

जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में मंगलवार को एम्स बिलासपुर से जुड़े विभिन्न लंबित विषयों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की, जिसमें एम्स प्रशासन सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य एम्स के संचालन को और अधिक सुचारू बनाना और परिसर तथा आसपास की आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करना रहा।


बैठक में एम्स परिसर में मरीजों और उनके परिजनों की सुविधा हेतु प्रस्तावित विश्राम सदन की प्रगति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने वन विभाग से पर्यावरणीय स्वीकृति की स्थिति के बारे में जानकारी ली, जिस पर बताया गया कि यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है और शीघ्र ही पूर्ण हो जाएगी।


हिमकेयर योजना के अंतर्गत बकाया भुगतान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। क्षेत्रीय अस्पताल के अधिकारियों ने अवगत कराया कि एम्स प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार से पत्राचार किया गया है। उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि इस संदर्भ में प्रदेश सरकार से समन्वय कर जल्द समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।


बैठक में एम्स परिसर और आसपास आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई गई। उपायुक्त ने स्थानीय पंचायत, नगर परिषद और पशुपालन विभाग को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए।


कांगू से एम्स के लिए प्रस्तावित 132 केवी का विद्युत सब-स्टेशन कार्य अपने अंतिम चरण में है। बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कार्य पूर्ण होते ही एम्स को निर्बाध बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी।


एम्स में अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर को अन्य कर्मचारी के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए भूमि चयन को लेकर उपायुक्त ने एसडीएम सदर और एम्स प्रशासन को संयुक्त रूप से स्थल का निरीक्षण कर शीघ्र भूमि चयन को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।


रसोई गैस आपूर्ति को लेकर बीपीसीएल की गैस पाइपलाइन योजना पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बीपीसीएल अधिकारियों ने अवगत कराया कि बजट की स्वीकृति मिल चुकी है तथा भूमि उपलब्ध होते ही गैस प्लांट की स्थापना कर आपूर्ति आरंभ कर दी जाएगी।


ट्रैफिक प्रबंधन पर चर्चा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि एम्स के सामने अक्सर लगने वाले जाम और भारी वाहनों द्वारा प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल से मरीजों को असुविधा होती है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई करने और क्षेत्र को ‘नो हॉर्न ज़ोन’ घोषित करने के निर्देश दिए।


साथ ही, निर्माणाधीन फोरलेन के समीप यातायात और पैदल यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने हेतु एनएचएआई अधिकारियों के साथ समन्वय कर आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश भी जारी किए गए।


बैठक के अंत में उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि एम्स से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि इस  स्वास्थ्य संस्थान में आने वाले मरीजों और आमजन को किसी प्रकार की असुविधा न हो।


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