रिकांगपिओ
उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने आज शिक्षा विभाग किन्नौर द्वारा बचत भवन रिकांग पिओ में आयोजित एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला की बतौर मुख्य अतिथि अध्यक्षता की और इको क्लब इंचार्ज शिक्षकों से विद्यार्थियों को बदलते प्राकृतिक परिवेश और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर पारंपरिक व्यंजनों व रीति रिवाजों से जोड़े रखने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षक अपने आसपास के प्राकृतिक परिवेश, वन्यजीवों एवं पर्यावरणीय परिवर्तनों से परिचित रहें और बच्चों को भी इसके प्रति जागरूक बनाएं। उन्होंने कहा कि कई बार हम चीतों, तेंदुओं, बाघों जैसे वन्यजीवों में अंतर नहीं कर पाते, यहाँ तक कि बुलबुल जैसे सामान्य पक्षी की पहचान भी हमसे छूट जाती है। ऐसे में शिक्षक समाज में सही पर्यावरणीय ज्ञान व संवेदनशीलता विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा किन्नौर डॉ. अरुण गौतम ने कहा कि इको क्लब इंचार्ज शिक्षकों के लिए यह प्रशिक्षण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इससे शिक्षक बच्चों में पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और पर्यावरणीय प्रभावों के प्रति जागरूकता प्रभावी रूप से प्रदान करने में अहम योगदान अदा कर सकते हैं।

इस दौरान डॉ. परमजीत सिंह नेगी, कृषि विकास अधिकारी ने मिलेट्स के उपयोग, पोषण एवं स्वास्थ्य लाभों पर जानकारी दी और वन विभाग से विक्रम सिंह ने जड़ी-बूटियों व औषधीय पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला।ऊर्जा एवं जल संरक्षण पर अक्षय नेगी, सहायक अभियन्ता ने सरल, उपयोगी एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया और ई-वेस्ट प्रबंधन विषय पर रोशनी नेगी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक कचरा नॉन-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है तथा इसमें पाए जाने वाले विषैले धात्विक तत्व गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं।

कार्यक्रम में जिला के सभी प्राथमिक विद्यालयों के इको क्लब इंचार्ज शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने पर्यावरण, कृषि, ऊर्जा एवं अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम का संचालन विज्ञान पर्यवेक्षक वीरेंद्र भंडारी ने किया और एक दिवसीय कार्यशाला में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों और प्रशिक्षणों की जानकारी प्रदान की।