सड़क सुरक्षा नीति के सभी प्रावधानों को लागू करें                                        सड़क दुर्घटनाओं के घायलों के लिए कैशलैस इलाज सुविधा का करें                         प्रचार-प्रसारजिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त अमरजीत सिंह ने दिए निर्देश


हमीरपुर

उपायुक्त अमरजीत सिंह ने लोक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मौर्थ), परिवहन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिला में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के सभी प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

सड़क दुर्घटनाओं के घायलों की तत्काल मदद करने वाले लोगों के लिए आरंभ की गए ‘गुड सेमेरिटन’ पुरस्कार तथा घायलों के लिए कैशलैस इलाज की सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। इससे सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में काफी कमी लाई जा सकती है। शुक्रवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने ये निर्देश दिए।


उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए तत्काल सहायता प्रदान करने वाले नेक व्यक्तियों को ‘गुड सेमेरिटन’ पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है जो बिना किसी डर के दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। इसका मकसद सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहित एवं प्रेरित करना और कानूनी और प्रक्रियात्मक परेशानियों के डर से लोगों की मदद करने से हिचकिचाने की प्रवृत्ति को खत्म करना है।


उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों का अब आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध सभी अस्पतालों और अन्य सूचीबद्ध अस्पतालों में डेढ लाख रुपये तक का मुफ्त एवं कैशलैस इलाज हो सकता है। सड़क दुर्घटना के बाद 24 घंटे के भीतर अस्पताल में दाखिल होने पर यह सुविधा मिलेगी और घायल व्यक्ति का अधिकतम सात दिन तक कैशलैस इलाज किया जा सकता है।

कोई भी सूचीबद्ध अस्पताल घायल को दाखिल करने से मना नहीं कर सकता है। डेढ़ लाख रुपये तक के इलाज के बाद घायल व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज माना जाएगा और उसे शेष इलाज का खर्चा अन्य माध्यमों से जुटाना होगा। योजना से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 14555 पर भी संपर्क किया जा सकता है।


जिला में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए गए विभिन्न उपायों, घायलों की तत्काल मदद और सड़क सुरक्षा से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
इस अवसर पर कमेटी के सचिव एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता दीपक कपिल ने जिला में किए जा रहे सड़क सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी।


बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय अत्री, एनएचएआई के साइट इंजीनियर हन्नी कुमार, मौर्थ के अधिकारी बीआर धीमान और सुधाकर पॉल, कोट स्कूल के प्रधानाचार्य बलवंत सिंह, परिवहन और अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।


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