उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां जिला में वर्तमान मानसून सीजन के दौरान उत्पन्न स्थिति के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समिति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में उपायुक्त ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से जिले में हुई वर्षा, भूस्खलन, सड़क बंद होने की स्थिति, जनहानि व पशु हानि सहित अन्य नुकसान का विस्तृत ब्यौरा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

बैठक में 20 जून से अब तक मानसून सीजन के दौरान प्रारंभिक क्षति पर विस्तार से चर्चा की गई। जिला में अब तक 11 लोगों की मानवीय क्षति हुई है जिसमें 3 लोगों के गिरने से, 1 की डूबने से एवं 7 लोगों की सड़क दुर्घटना से मौत हुई है। इस दौरान 45 मवेशियों की क्षति भी हुई है।
07 पक्के मकान, 17 कच्चे मकान, 1 श्रमिक शेड, 1 घराट, 10 गौशाला एवं 02 रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त हुए है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागीय आकलनों के अनुसार अब तक 78 करोड़ 34 रुपए तक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला के सभी उप मंडलों में मानसून सीजन से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में विभागीय श्रमिकों एवं मशीनरी की तैनाती की गई है ताकि आपदा के समय त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जा सके।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि बंद सड़कों को शीघ्र बहाल किया जाए तथा प्राथमिकता के आधार पर मुख्य मार्गों को यातायात के लिए सुचारू किया जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि सभी स्वास्थ्य संस्थान आवश्यक दवाओं और स्टाफ की उपलब्धता के साथ तैयार रहें। उपायुक्त ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सतर्क रहने और आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय बनाए रखने के निर्देश दिए।

उपायुक्त ने कहा कि कैथलीघाट-ढली फोरलेन निर्माण से भट्टाकुफर में भूस्खलन के कारण मकान ढह गया था जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा 2 जांच समितियों का गठन किया गया था। यह जाँच समितियां अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) की अध्यक्षता में बनाई गई थी, जिसमे एक समिति द्वारा मकान के ढहने की जांच करने के लिए बनाई गई थी वही दूसरी समिति द्वारा कैथलीघाट ढली फोरलेन में हुए निर्माण कार्यों की जांच के लिए बनाई गयी थी।
इस बैठक में दोनों समितियों ने अपनी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समिति की बैठक में पेश की। दोनों जांच समितियों की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की गई।बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा सहित लोक निर्माण, जल शक्ति, पुलिस, विद्युत बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहे।
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